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धनबाद : दो विश्वविद्यालय के फेर में फंसा 25 हज़ार विद्यार्थियों का भविष्य

विभावि ने परीक्षा लेने से किया इनकार, गेंद राजभवन के पाले में डाला

Niraj Kumar Dhanbad : विनोबा भावे (विभावि) और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) के फेर में सत्र 2015-18 के लगभग 25 हज़ार विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा गया है. मौखिक हामी भरने के बाद विभावि ने बीबीएमकेयू के विद्यार्थियों के एक जेनेरिक पेपर की परीक्षा लेने से इनकार कर दिया है. विभावि में ऑनलाइन फॉर्म भरने की तिथि 20 अगस्त तक ही है. लेकिन विभावि की स्वीकृति नहीं मिलने से बीबीएमकेयू के विद्यार्थी फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं. प्रतिदिन सैकड़ों विद्यार्थी विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं.

 राजभवन की गाइडलाइन का है इंतज़ार : परीक्षा नियंत्रक, विभावि

विभावि के परीक्षा नियंत्रक प्रो जीएस तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस सत्र के विद्यार्थियों के एक जेनरिक पेपर की परीक्षा के लिए राजभवन को पत्र लिखकर मंतव्य मांगा है. वह राजभवन की गाइडलाइन के इंतजार में हैं. गाइडलाइन मिलने के बाद ही परीक्षा को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकेगा.

विभावि को ही लेनी है परीक्षा : डीएसडब्ल्यू, बीबीएमकेयू

बीबीएमकेयू के डीएसडब्ल्यू डॉ एसके सिन्हा ने कहा कि 2015-18 सत्र के सभी 6 सेमेस्टर की परीक्षा विभावि ने ली है. उसी ने विद्यार्थियों का प्रमाण पत्र भी जारी किया है.  ऐसे में एक जेनरिक पेपर की परीक्षा भी उसे ही आयोजित करनी चाहिए. धनबाद और बोकारो के कॉलेजों के प्रतिनिधि होने के नाते उन्होंने विभावि प्रबंधन से मिलकर लिखित में परीक्षा लेने का आग्रह भी किया है.

क्या है मामला

बता दें कि (चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) सीबीसीएस सिस्टम लागू होने के बाद से विभावि और बीबीएमकेयू के विद्यार्थियों ने यूजी में एक जेनरिक पेपर का अध्ययन किया है. रिसर्च, प्राध्यापक व शिक्षक जैसे फील्ड में जाने वाले विद्यार्थियों को दो जेनेरिक पेपर पढ़ना अनिवार्य है. ऐसे में विभावि व बीबीएमकेयू ने पुराने सत्र के विद्यार्थियों के लिए एक जेनरिक पेपर की परीक्षा आयोजित की है. हालांकि इन क्षेत्रों में जाने वाले विद्यार्थियों के अलावा बाकी क्षेत्र के लिए पहले का प्रमाण पत्र वैध है.

 कहां फंसा है मामला

यूजी के जेनेरिक पेपर की परीक्षा को लेकर केवल 2015-18 सत्र के विद्यार्थियों का मामला फंसा है. क्योंकि इस सत्र के विद्यार्थियों की पूरी पढ़ाई विभावि में हुई थी. इसके बाद धनबाद और बोकारो के कॉलेजों के साथ बीबीएमकेयू अलग हो गया था. बीबीएमकेयू प्रबंधन का कहना है कि जब विभावि ने सभी छह सेमेस्टर की परीक्षा लेकर प्रमाण पत्र दिया है तो शेष विषय की परीक्षा लेना उनका दायित्व है. इसके बाद के सभी सत्र के लिए एक जेनेरिक पेपर की परीक्षा बीबीएमकेयू खुद आयोजित करेगा. [wpse_comments_template]

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