Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिले के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अगर इलाज कराने के लिए भर्ती होना हो तो घर से ही बेडशीट और चादर लेकर आना होगा. क्योंकि अस्पताल में मरीजों को बेडशीट और चादर नहीं मिल रही है. अस्पताल प्रबंधन सब कुछ जान कर भी अनजान बना हुआ है. अस्पताल नर्स, डाक्टर, कर्मचारी को इन मामलों से कोई लेना-देना नहीं है. मरीजों को चादर और बेडशीट नहीं मिलने की खबर पर शुभम संदेश की टीम ने सोमवार 3 अप्रैल को अस्पताल का जायजा लिया तो कुछ असलियत सामने आ गई. अधिकतर वार्डो में भर्ती मरीज के बेड से बेडशीट गायब थे. कुछ गिने चुने मरीज चादर और बेडशीट घर से लेकर आये थे.
चादर मांगने पर झेलना पड़ता है गुस्सा
एसएनएमएसीएच अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती किडनी बीमारी से ग्रसित मोहम्मद सलीम का कहना है कि पिछले 10 दिन से वह अस्पताल में हैं, लेकिन उन्हें बेडशीट नहीं दिया गया है. अस्पताल की नर्स भी इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं. चादर की मांग करने पर गुस्से का सामना करना पड़ता है.
कहते हैं आएगी बेडशीट, चादर तो मिलेगी
एक अन्य मरीज गिरिडीह के गोपाल यादव का कहना है कि अस्पताल में चादर, बेडशीट, तकिया की मांग पर सिर्फ खाना पूर्ति होती है. कई दिनों तक बेडशीट के लिए इंतजार करना पड़ता है. कई मरीज अपने घर से बेडशीट लेकर आते हैं. अस्पताल के कर्मचारी से बेडशीट की मांग की गई, तो बताया गया कि आने पर दिया जाएगा.
500 बेड वाले अस्पताल में मात्र 4 लांड्री बॉय
जिले के सबसे बड़े 500 बेड वाले एसएनएमएसीएच में मात्र 4 लॉन्ड्री बॉय हैं, जो मरीजों बेडशीट व चादर की सफाई के लिए नाकाफी हैं. हालांकि अस्पताल में कपड़े साफ करने वाली तीन सफाई मशीन व एक सुखाने वाली मशीन भी है. वह भी अस्पताल की जरूरत के मुताबिक बेडशीट कम है.
क्या कहते हैं अधिकारी
एसएनएमएसीएच के अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल का कहना है कि हमारे पास लॉन्ड्री की कमी है, जिस कारण ऐसी समस्या हो रही है. उन्होंने बताया कि लॉन्ड्री की मशीन लगभग 17 साल पुरानी है. आए दिन मशीन बिगड़ भी जाती है और परिणाम मरीजों को भुगतना पड़ता है. फिलहाल लॉन्ड्री मशीन की रिपेयरिंग का काम चल रहा है और जल्द ही मरीजों को बेडशीट व चादर उपलब्ध करा दी जाएगी
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/sarla.jpg)
Leave a Reply