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धनबाद: छात्रा डीएसपी को कहती थी दादाजी, उसी ने की छेड़खानी, अब 5 साल की सजा

Dhanbad : नाबालिग से छेड़खानी के आरोपी डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान को 5 साल की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है. पॉक्सो जज प्रभाकर सिंह की अदालत ने यह सजा सुनाई है.

मामला 2019 का

मामला 2019 का है. तत्कालीन दुमका डीआईजी ऑफिस में पोस्टेड डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत धनबाद के सरायढेला थाना में  मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में धनबाद सिविल कोर्ट ने अब दो साल बाद तत्कालीन डीएसपी सुरेश प्रसाद को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 5 हजार रुपए की जुर्माने की सजा सुनाई है. वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह के द्वारा मामले में कुल 7 गवाह अदालत में पेश किए गए थे. दुमका डीआईजी ऑफिस में डीएसपी एडमिन के पद पर तैनात तत्कालीन डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान के खिलाफ सरायढेला थाना में पोस्को एक्ट के तहत 11 अप्रैल 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

छात्रा से पहचान थी 

धनबाद के तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर डीएसपी सरिता मुर्मू, महिला थाना प्रभारी मरिसटेला गुड़िया, एएसआई ममता कुमारी ने पीड़ित छात्रा का बयान लिया था. प्राथमिकी में बताया गया था कि छठी क्लास की छात्रा स्कूल जाने के लिए अपने घर से निकली थी. सरायढेला थाना मोड़ के पास सुरेश पासवान उसे मिल गया. छात्रा और सुरेश पासवान की एक दूसरे से जान पहचान थी, छात्रा सुरेश को दादाजी कहकर बुलाती थी. पहले तो सुरेश ने छात्रा के साथ बातचीत की. उसके बाद सुरेश नाबालिग से छेड़खानी करते हुए गलत हरकतें करने लगा. छात्रा के विरोध करने पर सुरेश ने उसे घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की धमकी दी.

मां ने दिखाई थी हिम्मत 

छात्रा सुरेश से पीछा छुड़ाकर स्कूल चली गयी. वापस घर लौटने पर वह अपने कमरे में गुमसुम थी. वह कमरे के अंदर अकेले रो रही थी. मां के पूछने पर उसने पूरी घटना मां को बता दी थी. जिसके बाद मामले की लिखित शिकायत सरायढेला थाना में की गयी. इसके अगले दिन सुरेश पासवान को पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया. पूछताछ के दौरान ही डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

सरायढेला थाना क्षेत्र का मामला 

सुरेश पासवान 1984 बैच का दरोगा था. राज्य अलग होने के बाद कैडर विभाजन के तहत वह झारखंड आया था. प्रमोशन पाकर वह इंस्पेक्टर बना, 25 मई 2015 को सुरेश प्रमोट कर डीएसपी बनाया गया था. आईआरबी-2 मुसाबनी से 28 फरवरी 2019 को सुरेश पासवान का तबादला दुमका डीआईजी कार्यालय में किया गया था. धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र के जगजीवन नगर डॉक्टर कॉलोनी स्थित बीसीसीएल क्वार्टर में रहता था. यह भी पढ़ें : स्कूल">https://lagatar.in/dhanbad-student-murdered-in-school-last-15-days-no-action-father-said-even-if-i-am-killed-i-will-get-the-killers-punished/">स्कूल

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