विगत छह माह का पूरा अनाज है बकाया, कई लोगों ने बंद किया उठाव
Dhanbad: कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई ग्रीन कार्ड योजना धनबाद जिले में फेल साबित हो रही है. इस योजना के तहत अनाज कम आश्वासन ज्यादा मिल रहा है. योजना से जुड़े जिले के 41,646 परिवारों में मात्र 67.09 प्रतिशत को जनवरी माह का अनाज मिला है. फरवरी का अनाज मात्र 15.98 प्रतिशत लोगों को नसीब हुआ है. हिसाब लगाया जाए तो विगत छह माह का पूरा अनाज बकाया पड़ा है. डीलरों का कहना है कि अनाज मिल ही नहीं रहा तो वितरण कहां से करें. जितना मिल रहा है, उस हिसाब से बांटा जा रहा है. हालत यह है कि यह है परेशान हो कर कई लोगों ने अनाज का उठाव ही बंद कर दिया है. 2020 में 15 नवंबर को शुरू हुई थी योजना
राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करनेवाले परिवारों को राज्य सरकार ने ग्रीन राशन कार्ड बनाकर कर प्रति यूनिट 5 किलो चावल हर माह देने की घोषणा की थी. शुरू में एक रुपया प्रति किलो की दर से अनाज मिलने लगा. परंतु छह माह बाद ही अनाज की कमी प्रकट होने लगी. छह-छह महीना तक अनाज नहीं मिला. पिछले साल सरकार ने 5 किलो का पैकेट बनाकर अच्छी क्वालिटी का चावल देने की बात कही. नवंबर 2022 में शुरुआत भी हुई, जो अब जनवरी तक पूरा हुआ है. फरवरी का अनाज कुछ दिन पहले ही मिलना शुरू हुआ. नहीं मिल रही है चना दाल
सरकार की ओर से चावल के साथ हर माह प्रति यूनिट 1 किलो चना दाल लाभुकों को देने की घोषणा की गई है. परंतु अब तक मिलना शुरू नहीं हुआ है. आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तो सिर्फ चावल ही दे रहे हैं. चना दाल उपलब्ध होने पर दी जाएगी. हालांकि ऐसी कोई सुगबुगाहट तक नहीं है. अभी तो सिर्फ चावल ही है, दाल मिलेगी तो देंगे: डीएसओ
धनबाद जिला आपूर्ति पदाधिकारी (डीएसओ) योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि ग्रीन कार्ड धारियों को हर माह अनाज दिया जा रहा है. जनवरी का अनाज दिया जा चुका है, फरवरी की भी शुरुआत हो चुकी है. पिछले साल छह माह तक वितरण बंद था. भरपाई करने में समय तो लगेगा. चना दाल का वितरण अभी नहीं हो रहा है, सिर्फ चावल दिया जा रहा है. [wpse_comments_template]
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