![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
चली गई एक प्रसूता की जान, दुनिया नहीं देख सका गर्भ में पल रहा शिशु
Dhanbad : धनबाद को विगत माह अगस्त में ही नई 108 एंबुलेंस मिली थी. नई एंबुलेंस सेवा शुरू होने से पहले ही पुरानी एजेंसी से कार्यभार भी ले लिया गया था. 12 अगस्त को नई एजेंसी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ लिमिटेड ने 108 एंबुलेंस के संचालन का जिम्मा संभाला था. जिम्मा संभालने के बाद ठीक एक माह बाद ही एंबुलेंस सड़क पर खराब होने लगी है. अब यह जांच का विषय बन गया है.
इधर, सिविल सर्जन डॉ सीबी प्रतापन ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. उनका कहना है कि एंबुलेंस राज्य सरकार से मिली है. इसके संचालन का जिम्मा भी सरकार के अधीन है. कार्रवाई मुख्यालय स्तर से ही हो सकती है. बताते चलें कि शुक्रवार 16 सितंबर को एक गर्भवती की मौत बीच रास्ते में ही हो गई थी. एंबुलेंस महुदा में ब्रेक डाउन हो गई और समय रहते दूसरे एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी. इस बीच प्रसूता और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. एक बड़ी लापरवाही की वजह से गर्भ में पल रहा शिशु दुनिया नहीं देख सका.
जांच में पुरानी 108 एंबुलेंस मिली थी खराब
जिले को पुरानी108 एंबुलेंस की जगह नई एंबुलेंस मिली थी. पूरे जिले में 27 एंबुलेंस थी, जिसकी जगह नई एंबुलेंस रांची मुख्यालय से धनबाद भेजी गई. परंतु नई एंबुलेंस खराब हो गई, जबकि इन्हें पुरानी की तुलना में बेहतर बताया गया था. नई एंबुलेंस में ऑक्सीजन, मेडिसिन समेत अन्य सुविधाएं दी गई हैं. बताते चलें कि राज्य में नवंबर 2017 से लोगों को इमरजेंसी सेवा उपलब्ध कराने वाली 108 एंबुलेंस सेवा की शुरूआत हुई. विभाग दावा करता है की राज्य के अलग-अलग जिलों के करीब 10 लाख लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया है. वर्ष 2022 में स्वास्थ्य विभाग रांची की टीम ने सभी जिलों में 108 एंबुलेंस का जायजा लिया था. कई 108 एंबुलेंस की स्थिति काफी खराब मिली थी. जानकार बताते हैं कि जांच के बाद सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर एंबुलेंस को बदलने का निर्णय लिया गया था. अभी जिले में 54 इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और 54 चालक 108 एंबुलेंस में सेवा दे रहे हैं.
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply