ओवरलोडिंग की खुली छूट, , 30 हजार से अधिक ऑटो व रिक्शा हैं शहर में
Raja Gupta Dhanbad: जिस ऑटो का लाइसेंस है, 5 का, बैठाता है 12 व्यक्ति को. इसी प्रकार जिस टोटो में चार सवारी ही वैध है, वहां बैठाया जाता है छह से आठ. लेकिन इससे आंख मूंदे धनबाद की ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है दुपहिया वाहनों को. हेलमेट व कागज की मांग के जरिये वसूलती है राशि या गरम करती है अपनी जेब. दोपहिया वाहन प्रायः रहते हैं निशाने पर
धनबाद शहर में यातायात व्यवस्था में सुधार लाने और जाम से मुक्ति दिलाने के लिए उपायुक्त और ट्रैफिक डीएसपी संबंधित पदाधिकारी और कर्मियों के साथ अक्सर बैठक करते हैं. लेकिन धरातल पर समस्या का समाधान नहीं होता है. वाहन चेकिंग के नाम पर यातायात पुलिस दोपहिया वाहन चालकों को परेशान करती है. सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे जिला में 30 हजार से अधिक ऑटो और ई रिक्शा की ओवलोडिंग के खिलाफ कोई अभियान नहीं चलता. शहर के धनबाद स्टेशन रोड, रणधीर वर्मा चौक, सिटी सेंटर, मेमको मोड़, सरायढेला और बैंक मोड़ समेत अन्य इलाकों के चौक चौराहों पर सुबह से शाम तक यातायात विभाग के पुलिस अधिकारी और जवान चेकिंग करते हैं. कोई मोटरसाइकिल चालक हेलमेट नहीं पहना है या फिर किसी बाइक पर तीन लोग सवार हैं तो उसे फौरन पुलिसकर्मी घेर कर पकड़ लेते हैं और ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर ऑनर बुक आदि अन्य कागजात की मांग करते हैं. हेलमेट नहीं पहने या फिर ओवरलोड का चालान काटकर हजार रुपए वसूल लेते हैं. इसके अलावा ` सुविधा शुल्क ` अलग से वसूल लेते हैं. ऑटो और ई रिक्शा से रोज मिल जाता है नजराना
दूसरी ओर धनबाद की सड़कों पर ऑटो और ई रिक्शा की भरमार है. इन वाहनों पर सुबह से रात तक क्षमता से अधिक यात्री बैठते हैं. ओवरलोड के कारण अक्सर सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें कुछ लोगों की मौत और कई लोग जख्मी भी हो जाते हैं. इसके बावजूद ट्रैफिक विभाग के अधिकारी या पुलिसकर्मी उसकी धर पकड़ नहीं करते. इन वाहन चालकों के खिलाफ कभी भी चेकिंग अभियान नहीं चलाया जाता है. कारण साफ है औ हर आम व खास इसे जानता है. ऑटो पर पांच और ई रिक्शा पर चार यात्री ही बैठ सकते हैं, लेकिन, ऑटो पर एक दर्जन और ई-रिक्शा पर 6 से 7 यात्री देखे जा सकते हैं. दोनों वाहनों के चालक भी अपनी सीट पर तीन से चार यात्री बैठा लेते हैं. ट्रैफिक पुलिस सब कुछ देखकर भी कुछ नहीं बोलती, क्योंकि इसके एवज में उसे रोजाना नजराना मिल जाता है. एजेंट को प्रति चालक 100 से 150 रुपये देते हैं रंगदारी
सूत्र बताते हैं कि जिला भर के ऑटो चालकों से प्रतिदिन लगभग 10 लाख रुपये की वसूली होती है. किसी भी ऑटो चालक से आज तक न तो ड्राइविंग लाइसेंस मांगा गया है न गाड़ी के अन्य कागजात. एक-दो चालकों ने बताया कि रूट और दूरी के हिसाब से रोजाना एजेंट को प्रति चालक 100 से 150 रुपये रूट के हिसाब से रंगदारी देते हैं. रंगदारी का पैसा एजेंट से लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी के टेबल तक पहुंचता है. सभी गाड़ियों के खिलाफ चलाया जाता है चेकिंग अभियान: ट्रैफिक डीएसपी
धनबाद के ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार का कहना है कि मोटरसाइकिल हो या ऑटो या फिर ई रिक्शा, सभी गाड़ियों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाता है. यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है. [wpse_comments_template]
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