मनरेगा के तहत न समतलीकरण और न धरातल पर कोई काम, सिर्फ बंदरबांट
Dhanbad: समाहरणालय में शुक्रवार 18 अगस्त को डीसी वरुण रंजन के जनता दरबार में मनरेगा में गड़बड़ी का मामला सामने आया. गोविंदपुर प्रखंड के गौरांगडीह से आए लोगों ने बताया कि इस योजना के तहत जमीन का समतलीकरण एवं अन्य काम किए बिना राशि निकासी का खेल चल रहा है. चापाकल मरम्मत की बात हो या 15वें वित्त की राशि से जुड़ी योजना हो या मुखिया फंड, कोई भी योजना धरातल पर नहीं दिख रही है. लेकिन मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक एवं ग्रामीण ठेकेदार मिलकर राशि की बंदरबांट कर रहे हैं. उपायुक्त से लोगों ने इस पूरे मामले की निष्पक्षजांच की मांग की. पूर्वी टुंडी की विक्टोरिया मुर्मू ने बताया कि उसका अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है. वह संथाली आदिवासी महिला है. उसके 1932 के खतियान में जाति की जगह किस्तान (ईसाई) लिखा हुआ है. जिसकी सजा उसे दी जा रही है. इसके पूर्व अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र बन चुका है, लेकिन अब मुझे परेशान किया जा रहा है. झरिया थाना क्षेत्र से आए भरत कुमार ने शिकायत की कि वह विगत 5 वर्षों से भूमि बंदोबस्ती को लेकर दफ्तर के चक्कर काट रहा है. लेकिन अब तक उन्हें जमीन मुहैया नहीं कराई गई है. इसके अलावा स्वास्थ्य, राशन कार्ड, मुआवजा से संबंधित शिकायतें भी आई. उपायुक्त ने लोगों को पूर्ण भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं को दूर करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. जिला प्रशासन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगा. [wpse_comments_template]
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