Dhanbad : बीते जून माह में हुई गोलीबारी की घटना का उद्भेदन करते हुए धनबाद पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनमें ईस्ट बसुरिया थाना क्षेत्र से आसिफ आलम, वासेपुर के कमर मखदुमी रोड से अदनान इमाम उर्फ अंडा, वासेपुर गुलजार बाग से अजहरुद्दीन उर्फ इमरान और रांगाटांड़ से बंटी कुमार रवानी को पुलिस ने पकड़ा है. इनके पास से इन घटनाओं में प्रयुक्त पिस्टल, जिंदा गोली, मोबाइल और मोटरसाइकिल बरामद की गई है. इन पर मछली कारोबारी रशीद महाजन और अप्सरा ड्रेसेस के मालिक के घर एवं मोटर्स पार्ट्स दुकान के मालिक संजीव ठाकुर पर फायरिंग करने का आरोप है.
एसएसपी संजीव कुमार ने रविवार 2 जुलाई को अपने कार्यालय में मीडिया को बताया कि बीते 5 जून को रात में घर जाने के दौरान धैया रानीबांध तालाब के समीप मोटर व्यवसायी संदीप आनंद ठाकुर को अपराधियों ने गोली मार दी थी. इस घटना को अदनान इमाम उर्फ अंडा और अजहरुद्दीन उर्फ इमरान ने अंजाम दिया था. मो अदनान इमाम उर्फ अंडा गैंगस्टर प्रिंस खान का फुफेरा साला है.
वहीं रशीद महाजन और अप्सरा ड्रेसेस के मालिक के घर पर फायरिंग में इन चारों की संलिप्ता थी. अप्सरा ड्रेसेस के मालिक के घर फायरिंग में गोली बंदूक में फंसने के कारण गोली नहीं चल पाई. ये सभी अपराधी पैसे लेकर घटनाओं को अंजाम देते थे. घटना के बाद इन्होंने बुलेट और आईफोन प्रो खरीदा था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. घटना के बाद ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन और डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस में ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर अरविंद कुमार बिन्हा, बैंक मोड़ थाना प्रभारी प्रभात कुमार पांडेय सहित कई पुलिस कर्मी मौजूद थे.
सफेदपोश मददगार बख्शे नहीं जाएंगे : एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि इनका मुख्य उद्देश्य फायरिंग करके किसी की जान लेना नहीं बल्कि सिर्फ दहशत फैलाना था, ताकि रंगदारी मिल सके. वहीं इनकी मदद करने में कई सफेदपोश भी शामिल हैं, जिनकी पहचान पुलिस ने कर ली है. उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
प्रलोभन देकर शामिल किया जा रहा कम उम्र के लड़कों को
एसएसपी ने बताया कि नए और कम उम्र के लड़कों को पैसे का लालच और अन्य प्रलोभन देकर प्रिंस गैंग में शामिल कराया जा रहा है. इस काम में कई सफेदपोश हैं जो प्रिंस खान का हर प्रकार से साथ दे रहे हैं. घटना के बाद पर्चा जारी कर वायरल करने के लिए भी एक नेटवर्क काम करता है. इस नेटवर्क के झांसे में मीडियाकर्मी भी आ जाते हैं और उस पर्चे को प्राथमिकता के साथ दिखाते हैं, जिससे अपराधियों का मकसद आसान हो जाता है. कहा कि पर्चा वायरल करने वालों की भी पहचान कर ली गई है. वे भी जल्द सलाखों के पीछे होंगे.
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