Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) बैंक मोड़ मटकुरिया में मुथुट फिनकार्प के लिये मंगलवार 6 सितम्बर का दिन दहशत, रोमांच और आतंक लेकर आया. कार्यालय खुलते ही डकैतों का दल आ धमका और लूटपाट के साथ मारपीट शुरू कर दी. इस दहशत भरे माहौल में बैंक मोड़ थाना प्रभारी फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए मसीहा बन कर आ पहुंचे. अपराधियों ने सहयोगियों के साथ पहुंचे थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह को देखते ही गोलियां चलानी शुरू कर दी. परंतु थाना प्रभारी ने बड़ी दिलेरी से डाकुओं का मुकाबला किया. सहयोगी दो जवानों के साथ उन्होंने ए के 47 से जवाबी फायरिंग की, जिसमें और डाकू मौके पर ही ढेर हो गया. भागते अपराधियों में दो लोगों को पकड़ भी लिया गया.
आधा घंटे के ऑपरेशन में किसी को कोई नुकसान नहीं
पूरे ऑपरेशन को आधा घंटे से भी कम समय में निपटा कर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह आम जनता की नजर में हीरो बन कर उभरे. बाद में और भी पुलिसकर्मी पंहुचे. ऑपरेशन के दौरान गोलियों की तड़तड़ाहट ने हालांकि पूरे इलाके को दहशत से भर दिया, मगर न तो आम जनता का नुकसान हुआ और न ही किसी बैंक कर्मी को कोई खरोंच तक आई.
फोन आया तो बाथ रूम में थे थाना प्रभारी
थाना प्रभारी प्रमोद सिंह ने बताया कि 10 बज कर छह मिनट पर बजे जब उनके पास फोन आया तो वह बाथरूम में स्नान कर रहे थे. फोन करनेवाले ने कहा कि गुरुद्वारा के समीप मुथुट में हथियार लेकर कुछ लोग घुसे हैं. थाना प्रभारी बताते हैं कि उन्हें संदेह हुआ. वह तुरंत सिविल ड्रेस में ही एके 47 राइफल लेकर दौड़े, उस समय वहां कोई नहीं दिखा. अपने बॉडीगार्ड उत्तम और मुंशी गौतम के दरवाजे में लात मारी और कहा कि गुरुद्वारा के पास पंहुचो. जब मुथुट तक पहुंचे और सीढ़ी चढ़े तो उनके दोनों सहयोगी भी आ गए.
मन में थी एक ही बात-मारो या मरो : पी के सिंह
इस बीच डकैतों को पुलिस के आने की भनक लग गई. पांच अपराधियों में दो बैंक से बाहर निकल आये और फायरिंग करने लगे. थाना प्रभारी ने बताया कि वह सीढ़ी के एक साइड में थे. इसीलिए उन्हें गोली नहीं लगी. आत्मरक्षा में उन्होंने दो गोलियां चलाई. दोनों एक अपराधी को लगी. इसी बीच अन्य डकैतों ने बैंक से निकलकर भागना चाहा. उनमें एक को सीढ़ी पर टांग फंसाकर गिराया, जिसे बॉडी गार्ड उत्तम ने पकड़ कर कब्जे में ले लिया. दूसरे को भागने के दौरान गौतम ने पिस्टल सटा दिया. उसके हाथ में मारकर पिस्टल गिराते हुए उसे दबोच लिया. इसी बीच दो अपराधी फरार होने में सफल रहे. कहा कि सफलता का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अपराधियों को खुद पर हावी नहीं होने दिया. उस समय मन में एक ही बात थी- मारो या मरो. इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं. अब तक उन्होंने 37 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया है.
यह भी पढ़ें: धनबाद : बीबीएमकेयू ने मांगों की पूर्ति नहीं की तो आंदोलन करेगा महासंघ
Leave a Reply