टीम ने कुलपति से की पूछताछ, विवि का किया निरीक्षण
[caption id="attachment_703559" align="aligncenter" width="244"]alt="" width="244" height="300" /> पांच सदस्यीय जांच टीम में शामिल एक अधिकारी[/caption] बीबीएमकेयू जांच करने आई पांच सदस्यीय टीम ने जांच के दौरान विश्वविद्यालय परिसर, कैंटीन समेत अन्य जगहों का निरीक्षण किया. टीम ने कुलपति शुकदेव भोई से भी पूछताछ की. हालांकि दोपहर में लंच करने आई जांच टीम से पत्रकारों ने पूछा तो उनका सिर्फ इतना कहना था कि अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हूं. जांच अभी जारी है. कुलपति के खिलाफ राजभवन को मिली शिकायत के अनुसार, धनबाद के बैंक मोड़ स्थित एचडीएफसी बैंक में बिना इजाजत लिए विश्वविद्यालय विकास के लिए खाता खोलने, धनबाद-बोकारो स्थित 22 बीएड कॉलेजों से अलग-अलग 7 लाख रुपए लेने, 1 लाख रुपए मान्यता प्राप्त कॉलेजों से लेने, अंगीभूत कॉलेजों से अलग-अलग 1 लाख रुपए लेने, विश्वविद्यालय के अधिकारियों समेत एचओडी से 30-30 हजार रुपए लेने समेत अन्य आरोप हैं. राजभवन को जब खाता खोले जाने की सूचना मिली तो यहां से बंद करने का निर्देश दिया गया, लेकिन उससे पहले कुलपति फंड का एक हिस्सा फर्नीचर खरीदने में इस्तेमाल किया जा चुका था. बताया जाता है कि विवि अधिकारियों ने खाता खोलने से पहले राजभवन के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग से भी अनुमति नहीं ली. राजभवन को मिली शिकायत के मुताबिक, जिन कॉलेजों के प्राचार्य और शिक्षकों ने विकास मद में रुपए नहीं दिए उनका तबादला कर दिया गया. आरोप पर संज्ञान लेते हुए राजभवन ने एसएसएलएनटी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शर्मिला रानी के तबादले पर रोक लगा दी, जिनका हस्तांतरण बीएसके कॉलेज मैथन कर दिया गया था. कुलपति ने आनन-फानन में डॉ. शर्मिला रानी की जगह विश्वविद्यालय के सीसीडीसी एके माजी को प्रभारी प्राचार्य नियुक्त कर दिया. मामला राजभवन पहुंचने के बाद प्राचार्या का तबादला रोक दिया गया. बता दें कि विगत वर्ष जून 2022 में सुखदेव भोई ने बीबीएमकेयू कुलपति का कार्यभार संभाला और उन्होंने 3 जनवरी 2022 को पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार के घेरे में है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन के दबाव में उन्होंने अधूरे नए भवन को हैंड ओवर लिया है. राज्य सरकार पर लगाए गए उनके आरोप को उच्च शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया. जांच के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में खामोशी थी. टीम कागजातों को खंगालने में जुटी थी. कुलपति विश्वविद्यालय के अपने कक्ष में बैठे थे. पत्रकारों ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. रजिस्ट्रार डॉ. कौशल कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका कक्ष भी बंद मिला. यह भी पढ़ें: धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-students-welcomed-the-newly-appointed-principal-of-degree-college-jamdoba/">धनबाद
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