Dhanbad : धनबाद स्थित झमाडा में अनुकंपा पर बहाली की मांग को लेकर 1072 दिनों से आंदोलन कर रहे आश्रितों का धैर्य बुधवार को टूट गया. 50 से अधिक आश्रित धरना स्थल पर आत्मदाह करने पहुंचे और हाथों में पेट्रोल की बोतलें लेकर झमाडा व राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. वहां पहले से तैनात पुलिस बलों ने उन्हें आत्मदाह करने से रोक दिया. आश्रितों के आत्मदाह की चेतावनी पर जिला प्रशासन पहले से अलर्ट था. झमाडा कार्यालय के पास मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस बलों को तैनात किया गया था. सुरक्षा के दृष्टिकोण से 108 एंबुलेंस व दमकल गाड़ी भी तैनात थी.
आंदोलनकारी मो. अजहर अंसारी ने कहा कि झमाडा व जिला प्रशासन को आत्मदाह की चेतावनी 10 दिन पहले ही दी गई थी. लेकिन झमाडा प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि झमाडा प्रबंधन पिछले 14 वर्षों से अनुकंपा बहाली की प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं कर रहा है. कर्मियों के आश्रित अनुकंपा पर नौकरी की मांग को लेकर 22 फरवरी 2022 से लगातार धरने पर बैठे हैं. प्रबंध निदेशक सिर्फ झूठे आश्वासन देकर चैन की बंसी बजा रहे हैं. आंदोलनकारियों का कहना है कि सकारात्मक वार्ता के बाद भी प्रबंधन ने उनका विश्वास तोड़ा है. अब वे कोई मोहलत देने के लिए तैयार नहीं हैं.
मांगों को सरकार तक पहुंचा दिया गया है : प्रभारी
झमाडा के प्रभारी रविराज शर्मा ने मीडिया को बताया कि आश्रितों की मांगों को सरकार तक पहुंचा दिया गया है. जैसे ही सरकार से कोई निर्देश प्राप्त होगा आश्रितों को सूचित किया जाएगा. उन्होंने आंदोलन कर रहे आश्रितों से चार दिन का समय मांगा है.
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