11 सूत्री मांगों पर वार्ता में नहीं हुई सहमति
जानकारी हो कि झामुमो के लोग11 सूत्री मांगों को लेकर विगत 15 दिसंबर 2020 से धरना पर बैठे हुए हैं. इस बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी मामला नहीं सुलझा. इधर मासस के साथ 4 दिसंबर को मारपीट के बाद प्रशासन के दबाव पर प्रबंधन ने वार्ता के लिये पुनः आमंत्रित किया, जिसमें कल्याण चक, जामदही, दहीबाड़ी एवं पलसिया मोजा की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा, दहीबाड़ी कोलवाशरी में विस्थापितों को नियोजन, पलसिया अगर चेनपुर के विस्थापितों को नियोजन, परियोजना खोलने से पहले नौकरी एवं मुआवजा, लेंड लूजर मजदूरों को रेगुलर पुनर्वास की जमीन का पट्टा देने, सी पैच आउटसोर्सिंग कम्पनी में विस्थापितों का नियोजन, पुनर्वास के स्थान पर पेयजल एवं सड़क की व्यवस्था, खुदिया नदी पर स्थायी पुल का निर्माण, कल्याण चक, दहीबाड़ी, जामदही के ईसाई धर्म के लोगों के लिए कब्रिस्तान में रास्ता देने, अधिग्रहित जमीन की सूची एवं मुआवजा शिविर लगा कर देने की मांग की गई.झामुमो प्रबंधन को समय देने को तैयार नहीं
वार्ता में प्रबंधन ने समय मांगा, परंतु झामुमो ने इंकार कर दिया. झामुमो नेता अशोक मंडल का कहना है कि 372 दिन बाद भी 11 में एक भी समस्या का हल नहीं हुआ है. इसी से साबित होता है कि प्रबंधन कितना संवेदनशील है. इसलिये धरना जारी रहेगा.जमीन का पट्टा नहीं दे सकता स्थानीय प्रबंधन
प्रबंधन का कहना है कि 23 मजदूरों ने जमीन के कागजात जमा नहीं किये हैं. पुनर्वास स्थल का पट्टा देने का अधिकार स्थानीय प्रबंधन को नहीं है. अन्य मामलों को सुलझा लेने की बात कही गई. वार्ता में प्रबंधन की ओर से एजीएम डी चक्रवर्ती, अभिकर्ता प्रशांत बनर्जी, एपीएम राहुल मंडल, क्षेत्रीय भू-संपदा अधिकारी आर सी पाल, एनके सिंह, झामुमो के अशोक मंडल, बोदी लाल हांसदा, उपेंद्र पाठक, ठाकुर मांझी, बाबू जान मरांडी, काली दास मरांडी, आंनद दास, बिभूति भूषण हांसदा, शिबू मरांडी, सोमनाथ महतो,अब्दुल रब, रूप लाल टुडू, फारुख अंसारी, थॉमस मरांडी शामिल थे. यह भी पढ़ें :">https://lagatar.in/dhanbad-celebrated-olchiki-language-day-in-rajganj-marshy/">धनबाद : राजगंज दलदली में ओलचिकी भाषा दिवस मनाया [wpse_comments_template]

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