बीसीसीएल अधिकारियों के साथ की वीडियो कांफ्रेंसिंग, योजना में विलंब पर उठाया सवाल
Dhanbad: झरिया मास्टर प्लान को लेकर सोमवार 31 जुलाई को संयुक्त सचिव नागाराजू ने 31 दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. संयुक्त सचिव ने पुनर्वास स्थल पर सभी नागरिक सुविधाएं, पेयजल, स्कूल, चिकित्सा आदि की व्यवस्था करने व इन नागरिकों सुविधाओं को इस वर्ष के अंत तक जमीन पर उतारने करने का लक्ष्य दे दिया है. बीसीसीएल को 30 सितंबर 2023 तक मकानों का निर्माण कार्य पूरा करने और 31 दिसंबर तक बीसीसीएल के कर्मचारियों को शिफ्ट करने का समय दिया गया है. बीसीसीएल को प्रभावित क्षेत्र के मकान भी 31 दिसंबर तक ध्वस्त करने होंगे. जुलाई में कुल 18 परिवारों को बसाने का काम पूरा
कोयला के सयुंक्त कोयला सचिव नागाराजू ने बीसीसीएल के अधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए झरिया मास्टर प्लान के तहत कराए गए शिफ्टिंग कार्य की समीक्षा की. सयुंक्त सचिव ने वीसी के जरिये एएफसी नोट पर अधिकारियों से पूछताछ की. उन्होंने झरिया मास्टर प्लान में खर्च की गई राशि की भी जानकारी ली. ज्ञात हो कि झरिया मास्टर प्लान के तहत कुल 649 परिवार (फेज वन ) को सुरक्षित स्थानों पर बसाना है. विगत तीन महीने में 60 और जुलाई महीने में कुल 18 परिवारों को बसाने का काम किया गया है. वीसी में सयुंक्त कोयला सचिव के अलावा कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, सीएमडी समीरन दत्ता के अलावा जरेडा के अधिकारी मौजूद थे. संयुक्त बिहार के समय बनी थी योजना
झरिया पुनर्वास योजना संयुक्त बिहार में ही बनी थी. योजना को मूर्त रूप देने के लिए झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार का गठन हुआ. वर्ष 1999 में पुनर्वास योजना को लेकर पहला मास्टर प्लान बना. परंतु केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिली. इसके बाद 2004 और 2006 में संशोधित मास्टर प्लान बना. परंतु कैबिनेट ने इसे यह कहते हुए नकार दिया कि इसमें सिर्फ कब्जाधारियों को बसाने की योजना है. 2008 में फिर से रिवाइजड मास्टर प्लान बना, जिसमें रैयत, बीसीसीएल इंप्लाई तथा कब्जाधारियों को बसाने की योजना थी. इसे पूरा होने में 12 साल से अधिक का वक्त लग गया. फेज वन पूरा हो चुका है, लेकिन अग्नि प्रभावित क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने का काम पूरा नहीं हुआ है. अब फेज टू की प्रक्रिया चल रही है. [wpse_comments_template]
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