Nirsa : जब जब होई धरम की हानि, बाढ़ही असुर अधम अभिमानी। तब तब धरी हरि मनुज शरीरा।। हरही कृपानिधि सज्जन पीरा।। भगवान कृष्ण एवं भगवान राम के बाल रूप का वर्णन करते हुए उक्त चौपाई दीदी नर्मदेश्वरी ने बुधवार 6 अप्रैल को मैथन में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के पांचवें दिन कही. उन्होंने कहा कि जब जब इस धरती पर असुरों का उत्पात बढा है, पाप, अनाचार, दुराचार में वृद्धि हुई है, तब तब विभिन्न रूपों में धर्म की रक्षा हेतु प्रभु धरती पर जन्म लेते हैं एवं अपने भक्तों का कष्ट हर लेते हैं, दीदी नर्मदेश्वरी ने कहा कि त्रेता युग में रावण ने अत्याचार किया तो भगवान राम ने जन्म लेकर उन्हें मार कर रामराज्य कायम किया था. उसी प्रकार द्वापर युग में जब कंस ने पूरी धरा पर पाप का साम्राज्य कायम किया तो उसे खत्म करने के लिए भगवान कृष्ण ने द्वापर में जन्म लिया. आज कलियुग का समय चल रहा है और गोहत्या आपसी विद्वेष सहित कई तरह के दुराचार बढ़े हैं, जिसे खत्म करने के लिए प्रभु पुनः कल्कि रूप में जन्म लेंगे, ताकि धर्म का साम्राज्य कायम किया जा सके एवं दुराचार को खत्म किया जा सके. यज्ञ के पांचवें दिन भी वृंदावन से आई कीर्तन मंडली ने भगवान राम एवं भगवान कृष्ण के जन्म पर आधारित रामलीला का भव्य मंचन किया. रामलीला देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु जुटे. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-municipal-corporation-will-feel-the-curse-of-chhath-mayya/">धनबाद
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धनबाद : धर्म की रक्षा के लिए होगा भगवान का कल्कि अवतार : दीदी नर्मदेश्वरी

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