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धनबाद: कहीं झरिया पटाखा कांड की पुनरावृत्ति न करा दे अवैध निर्माण व भंडारण

केंद्रीय संगठन पीसो ने लिया संज्ञान, उपायुक्त को दिया जांच का निर्देश

Rammurti Pathak Dhanbad: कोयलांचल झरिया, बलियापुर सहित अन्य इलाके में पटाखा का अवैध कारोबार फल फूल रहा है. हालांकि केंद्र सरकार के पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीसो) ने अब इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने के कुछ कदम उठाए हैं. केंद्रीय संगठन से धनबाद के उपायुक्त से कर ऐसे कारोबार की जांच कर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया है. उपायुक्त को विस्फोटक अधिनियम 2008 के नियम 127/128 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग की छूट है. इधर झामुमो विधायक मथुरा महतो एवं पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने भी जांच करने व कार्रवाई की मांग जिला प्रशासन से की है.

 आरटीआई कार्यकर्ता को मिली जानकारी

सामाजिक कार्यकर्ता वकार आलम द्वारा सूचना अधिकार के तहत धनबाद जिला प्रशासन से अलग अलग जगहों पर सुभान पटाखा, जय हिंद फ़ायर वर्क्स समेत अन्य पटाखा दुकानों के लाइसेंस के संबंध में जानकारी मांगी गई थी. वकार ने बगैर बारूद लाइसेंस पटाखा निर्माण, भंडारण एवं बिक्री करने वाले तमाम दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उपायुक्त से की. उन्होंने राज्य के वरीय अधिकारियों को भी आवेदन की प्रतिलिपि भेजी. धनबाद उपायुक्त कार्यालय से गत 23 मई को ही बगैर लाइसेंस पटाखा दुकानों के संचालन के संबंध में जानकारी दी गई. हालांकि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. आरटीआई कार्यकर्ता मो वकार ने कहा कि विस्फोटक पदार्थ के अवैध कारोबार के कारण 31 साल पहले झरिया पटाखा कांड की पुनरावृत्ति कभी भी हो सकती है. बता दें की 25 अक्टूबर 1992 को झरिया के सिंदुरिया पट्टी में कल्लू पटाखा दुकान में मात्र एक चिंगारी से भीषण आग लग गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी, जबकि भारी संख्या में लोग घायल हुए थे. तत्कालीन बिहार सरकार ने 29 लोगों की मौत की पुष्टि की थी. आज तक किसी शख्स के परिजन को मुआवजा नहीं मिला. झरिया के लोग उस घटना को याद कर आज भी सिहर उठते हैं.

इन लोगों के लिए काल बनी थी दीपावली

पटाखा कांड में राम स्वरूप मोदी, प्रतिमा कुमारी, दीपक मोदी, आनंद स्वरूप जायसवाल, राजकुमार जायसवाल, फूलचंद जायसवाल, प्रदीप कुमार साव, मो. मुख्तार आलम, जीतेन स्वर्णकार, तनवीर आलम, विकास गुप्ता, मो रियाज, मो इजरायल, रोहित सिन्हा, सुमित भास्कर, नुनुवती देवी, राजू सोनकर, रजन सिंह, प्रिंस साहू, सोनू कानोडिया, संजय केशरी, अनूप केशरी, बैजनाथ साव एवं मो रफीक काल के गाल में समा गये थे.

  जब्त बारूद थाना पहुंचते ही बन गया था बालू

पटाखों का अवैध कारोबार चलाने वाले धंधेबाजों के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छापेमारी के दौरान जब्त बारूद झरिया थाना पहुंचते ही बालू में तब्दील हो गया था. मामला वर्ष 2016 के सिंतबर माह का था, जब अवैध पटाखों के निर्माण व भंडारण की सूचना पर जिला के वरीय अधिकारियों द्वारा झरिया में कई जगह छापेमारी कर 25 किलो बारूद के पैकेट और पटाखों का सेंपल जब्त कर झरिया थाना भेजा था. परंतु थाना मे मौजूद अधिकारियों ने जब जब्त बारूद की जांच की तो बालू निकला. हालांकि पुलिस पदाधिकारियों को फटकार लगते ही मालखाना में मौजूद बालू को फिर से पहले की तरह बारूद बना दिया गया. बारूद को बालू बनाने के इस खेल से झरिया थाना की चौतरफा किरकिरी हुई थी.

एसडीएम व सीओ से कराई जाएगी जांच: उपायुक्त

उपायुक्त संदीप कुमार ने इस मामले पर कहा कि किसी भी पटाखे की दुकान को लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया है. सभी दुकानों की जांच एसडीएम एवं सीओ से कराई जाएगी व जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी की जाएगी. जांच के बाद दुकानों को सील करने की कार्रवाई भी की जाएगी. [wpse_comments_template]

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