Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) के जज उत्तम आनंद की हत्या के चर्चित मामले में सीबीआई की कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुनाया. धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने हत्या में शामिल दोनों आरोपियों राहुल वर्मा और लखन वर्मा को धारा 302/34 के तहत उम्रकैद व 20-20 हजार रुपए जुर्माना, जबकि धारा 201 के तहत 7 वर्ष की कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.
इससे पहले अदालत में सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कहा कि जज जैसे विशिष्ट पद पर बैठे व्यक्ति की हत्या विरलतम प्रकृति का अपराध है. उन्होंने अदालत से दोनों आरोपियों को सजा-ए-मौत देने की मांग की. इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने कहा कि दोनों आरोपियों की कम उम्र है और नशे में उनसे यह दुर्घटना हुई है. उनका हत्या का इरादा नहीं था. दोनों का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश न्यायाधीश रजनीकांत पाठक दोनों आरोपियों राहुल वर्मा व लखन वर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई. जज उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वॉक के दौरान हुई थी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सीबीआईपी पीपी ने की बहस
इस चर्चित मामले में सीबीआई की ओर से स्पेशल क्राइम ब्रांच दिल्ली के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने बहस की. कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उन्होंने अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बहस की. सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही अदालत के समक्ष पेश किया गया. दोनों के चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी.
मास्टरमाइंड का पता चलने के बाद ही संतोष : विशाल
सजा सुनाई जाने के बाद जज उत्तम आनंद के बहनोई विशाल आनंद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है. लेकिन जब तक मास्टरमाइंड का पता नहीं चलेगा उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी. बताते चलें कि 28 जुलाई को सीबीआई धनबाद के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपियों राहुल वर्मा व लखन वर्मा को हत्या कर साक्ष्य छुपाने का दोषी करार देते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी।
जल्द फैसले के लिए हुई स्पिडी ट्रायल, 58 की गवाही
विशेष अदालत ने इस मामले का स्पीडी ट्रायल किया. 22 फरवरी 2022 को आरोप तय होने के बाद महज पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया. सुनवाई के बाद 28 जुलाई को जजमेंट की तिथि निर्धारित कर दी. सुनवाई के दौरान सीबीआई के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जींदल ने आरोपपत्र के कुल 169 गवाहों में से 58 का बयान दर्ज कराया था. सीबीआई ने दावा किया है कि आरोपित लखन वर्मा व राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज को टक्कर मारी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. वहीं बचाव पक्ष ने इसे महज एक दुर्घटना बताया था.
मॉर्निंग वॉक के दौरान रणधीर वर्मा चौक के पास हुई हत्या
जज उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वॉक के दौरान हुई थी. वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे. धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर सुबह 05:8 बजे एक ऑटो ने उन्हें धक्का मार दिया. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है, जज को जान-बूझकर धक्का मारा गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया. झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआई को सैंपी गई.पहले झारखंड सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने मामले की जांच की. इसके बाद 4 अगस्त 2021 को सीबीआई को जांच सौंपी गई थी. 20 अक्टूबर को सीबीआई ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दिया था. वहीं, सीबीआई ने हत्या के अलावा ऑटो चोरी व मोबाइल चोरी की दो अलग एफआईआर दर्ज की थी.
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