एकजुट होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की कर रहे तैयारी
Sindri: बीआईटी सिंदरी मुख्य द्वार के सामने मधुलिका स्वीट्स गोशाला से लेकर लगभग 140 डिसमिल क्षेत्र में न्यायालय की ओर से बुधवार 23 अगस्त को नोटिस चिपकाने के बाद गुरुवार 24 अगस्त को स्थानीय व्यवसायियों और आवासीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
एफसीआइएल भू संपदा अधिकारी देबदास अधिकारी ने बताया कि खजांची सिंह ने उस जमीन को अपना बताते हुए एफसीआइएल प्रबंधन के खिलाफ न्यायालय में केस दर्ज कराया था. वर्ष 1976 के सर्वे में उस जमीन पर 35 अवैध कब्जाधारियों की सूची सामने आई थी. उनमें खजांची सिंह, जगदीश तिवारी, सरदार कुलवीर सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, मोहम्मद सईद, मोहम्मद इदरीस मियां, धर्मदी सिंह, पिर्थी पाल सिंह, देव राज मिस्त्री, छूट्टो सिंह, कैलाश पाण्डेय, जतन सेठ, रामनाथ शर्मा, गुरुचरण शर्मा, चंदू मिस्त्री, अबू मोहम्मद खान, कामेश्वर सिंह, परशुराम धर, सुंदर यादव, धनेश्वर मिस्त्री, सुखदेव साह, गोविंद शर्मा, राजनाथ शर्मा, राजनाथ यादव, दसिन यादव, मोहम्मद मुन्ना (आवास), अमर सिंह, एच सी तनेजा, बुधराम सिंह, त्रिवेणी यादव, बब्बन सिंह, राम नाथ शर्मा, नंन्हे मियां (आवास), योगीन्द्र यादव, दूधनाथ यादव शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि खजांची सिंह की ओर से उन 34 लोगों को जमीन देने की बात सामने आई थी. इसपर व्यवहार न्यायालय ने वर्ष 1980 में फैसला एफसीआइएल प्रबंधन के पक्ष में सुनाया था. फैसले को धरातल पर उतारते हुए न्यायालय ने नोटिस चिपकाया है. नोटिस के अनुसार विवादित परिसर को पंद्रह दिन के अंदर खाली करना है. उन्होंने बताया कि समय पर भूमि नहीं खाली होने पर न्यायालय खाली कराएगा व एफसीआइएल प्रबंधन को जमीन वापस सौंपेगा. इसी खतरे को भांप कर स्थानीय निवासियों व व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है.
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