Dhanbad : रथयात्रा एक जुलाई को है. इस दिन भगवान जगन्नाथ प्रभु अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी जाएंगे. धनबाद (Dhanbad) के जोड़ाफाटक स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा की तैयारी शुरू हो गई. कोरोना के कारण दो साल बाद रथयात्रा निकलेगी. इसे देखते हुए भक्तों में उत्साह है. मंदिर समिति के सचिव महेश्वर राउत ने बताया कि इस बार मंदिर की स्थापना की 27वीं वर्षगांठ मनाई जा रही. रथयात्रा व वर्षगांठ को देखते हुए मंदिर का रंग-रोगन किया जा रहा है. सजावट की तैयारी भी अंतिम चरण में है. मंदिर के पुजारी प्रमोद पांडा ने बताया कि पिछले 14 जून को पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ का महास्नान हुआ. भगवान को 108 घट के जल से पूरे विधि-विधान के साथ स्नान कराया गया. इसके बाद भगवान अज्ञात वास में चले गए हैं. भगवान बीमार हैं. इसलिए अभी मंदिर का पट बंद है.
भगवान 14 दिन के अज्ञातवास में, दी जा रही जड़ी-बूटी
पुजारी प्रमोद पंडा ने बताया कि स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ बीमार हो गए हैं. फिलहाल, वे मंदिर कक्ष में 14 दिनों के अज्ञातवास में हैं. बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें जड़ी-बूटियों का भोग लगाया जा रहा है. 29 जून को नेत्र उत्सव मनाया जाएगा और 30 जून को भगवान भक्तों को दर्शन देंगे. उसके अगले दिन यानी 1 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की धूमधाम से रथयात्रा निकाली जाएगी. भगवान रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे और मौसीबाड़ी जाएंगे.
मंदिर में 42 साल पहले शुरू हुई थी रथयात्रा
मंदिर समिति के सचिव महेश्वर राउत ने बताया कि जोड़ाफाटक मंदिर से 42 साल पहले भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की शुरुआत की गई थी. तब मंदिर काफी छोटा था. उसी मंदिर में तीनों विग्रहों की नियमित पूजा-अर्चना की जाती थी. करीब 27 साल पहले वहां भव्य मंदिर का निर्माण हुआ. इसके लिए डॉ. एनएम दास ने अपनी जमीन दान में दी थी, जिस पर बने भव्य मंदिर में भगवान विराजमान हैं. महेश्वर राउत ने बताया कि इस बार मंदिर की स्थापना की 27वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.
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