Dhanbad : मगही, भोजपुरी, मैथिली संस्कृति बचाओ मंच ने धनबाद तथा बोकारो जिले से मगही, भोजपुरी, अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा से हटाए जाने के विरोध में 14 मार्च को धनबाद के करकेंद चौक से मशाल जुलूस निकाला और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर व मंत्री आलमगीर आलम का पुतला जलाया.
नेतृत्व अभिषेक सिंह उर्फ बंटी सिंह तथा निवर्तमान पार्षद शैलेंद्र सिंह ने किया. मंच के संयोजक मदन राम ने कहा कि भाषाई आंदोलनकारियों को शिक्षा मंत्री लुटेरा बोलते हैं, यदि मंत्रियों की संपत्ति की जांच की जाए तो झारखंड की जनता की मेहनत की कमाई उनके घर पर मिलेगी. उन्होंने कहा कि मंत्री अनर्गल बयान देकर आंदोलन को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं. मंच के प्रवक्ता जितेंद्र पासवान ने कहा कि भाषाई आंदोलन पर मुख्यमंत्री कुंभकरण की निद्रा में हैं. परिणाम उन्हें जल्द भुगतना पड़ेगा. नेतृत्व कर्ता बंटी सिंह व शैलेंद्र सिंह ने कहा कि यदि झारखंड में मगही, भोजपुरी, अंगिका भाषा का सम्मान करते हुए झारखंड सरकार धनबाद, बोकारो में लागू नहीं करती है तो मंच देश के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को समस्या से अवगत कराने दिल्ली तक जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, संघर्ष जारी रहेगा.