jharia : झरिया (Jharia) झरिया में महावीर जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. इस अवसर पर जैन धर्मावलंबियों ने प्रात: काल प्रभातफेरी निकाली. उसके बाद मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा श्री महावीर जन्म कल्याणक के उपलक्ष में धनबाद के धोबाटांड स्थित जैन मंदिर से पालकी यात्रा निकाली गई, जो धनसार, बस्ताकोला, कतरास मोड़ झरिया नगर का भ्रमण करती चार नंबर जैन मंदिर पहुंची, जहां जैन समाज के लोगों ने भगवान महावीर की पूजा-अर्चना की. नेतृत्व वीरेश भाई दोशी और नितिन भाई कोठारी कर रहे थे.
समाज के संजय जैन ने बताया कि भगवान महावीर जैन धर्म के चौबीसवें और अंतिम तीर्थकर माने जाते हैं. उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया. उनके जन्मदिन को लोग महावीर जयंती के रूप में मनाते हैं. 30 वर्ष की आयु में वह राजमहल का सुख त्याग कर सत्य की खोज में जंगलों की ओर चले गए. घने जंगलों में रहते हुए उन्होंने बारह वर्षों तक कठोर तपस्या की. इसके बाद ऋजुबालुका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे उन्हें कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. भगवान महावीर ने समाज के सुधार और लोगों के कल्याण के लिए उपदेश देना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने उपदेश में सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य पर बहुत अधिक जोर दिया और अहिंसा परमो धर्म: के संदेश को भी लोगों तक फैलाया. इस मौके पर पुनीता दोषी, रीता जेन, प्रफला सेठ, महेश जेन, संजय जैन, योगिता सेठ, अमित सेठ, हार्दिक जैन, चिराग जैन समेत जैन समाज के कई लोग मौजूद थे.
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