गठबंधन में सीटें कम मिलीं तो अकेले 25 सीटों पर लड़ेगा माले
Dhanbad : मासस का भाकपा माले में विलय हो गया. रांची में हुई बैठक के बाद शनिवार को इसकी औपचारिक घोषणा कर दी गई. इसके साथ ही एके राय की पार्टी मासस का अस्तित्व समाप्त हो गया. यह ऐलान भाकपा (माले) के सांसद राजाराम सिंह व मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के कार्यकारी अध्यक्ष सह निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने किया. कहा गया कि यह एकीकरण जनता के संघर्ष को दावेदारी में तब्दील करने के लिए हुआ है. इधर जिलाध्यक्ष पवन महतो ने बताया कि मासस के विलय के बाद कार्यकर्ताओं की एकजुटता के लिए 9 सितंबर को धनबाद में एकता रैली होगी. रैली में भाकपा (माले) के महासचिव सहित एकीकृत पार्टी के केंद्रीय स्तर के सभी नेता मौजूद रहेंगे. रैली का नारा बीजेपी भगाओ, लूट मिटाओ, बिरसा के सपनों का झारखंड बनाओ होगा. दोनों संगठनों के केंद्रीय स्तर से लेकर ग्रास रूट तक एकीकरण की प्रक्रिया एक महीने में पूरी कर ली जाएगी. एकीकृत पार्टी ने विधानसभा सीटों की एक सूची तैयार की है. एकीकृत पार्टी भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन के पक्ष में है और विधानसभा क्षेत्र में अपने-अपने आधारों से पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुटेगी. जिलाध्यक्ष पवन महतो ने बताया कि भाकपा माले चार विधानसभा सीटों पर मजबूत है. सिंदरी, निरसा, बगोदर व राज धनवार में पार्टी हमेशा से मजबूत रही है. गठबंधन में यदि पार्टी को चार से ज्यादा सीटें नहीं मिलती हैँ, तो भाकपा माले अकेले झारखंड की 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. विलय से पहले ही इन मुद्दों पर चर्चा की जा चुकी है. यह भी पढ़ें : हिमंता">https://lagatar.in/himanta-said-in-jharkhand-there-is-a-government-of-infiltrators-and-not-of-tribals-youth-will-decide-the-agenda-of-the-state-on-august-23/">हिमंताने कहा, झारखंड में आदिवासियों की नहीं, घुसपैठियों की सरकार, 23 अगस्त को राज्य का एजेंडा युवा तय करेंगे [wpse_comments_template]

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