धरना स्थल पर ही सुकेश मुखर्जी से उलझे, नेताओं ने किया बीच बचाव
Nirasa : भारत की कोलियरी मजदूर सभा के बैनर तले ईसीएल मुगमा एरिया महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर चल रहा धरना स्थल पर उस समय अफरा तफरी मच गयी जब मासस नेता रामजी यादव व मासस के पूर्व केंद्रीय कमेटी सदस्य सुकेश मुखर्जी आपस में ही उलझ गए. नेताओं ने बीच बचाव कर किसी तरह मामला शांत कराया. बतातें चलें कि मासस से निष्कासित होने के बाद सुकेश मुखर्जी ने अशोक मंडल की अगुवाई में झामुमो का दामन थाम लिया है. उसके बाद से ही वह लगातार पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं. आज भी सुकेश मुखर्जी ने उन्होंने भाषण के दौरान पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के प्रति अपशब्द का प्रयोग किया. मासस समर्थित रामजी यादव किसी काम से मुगमा कार्यालय पहुंचे थे. अपने नेता के खिलाफ अपशब्द सुन उन्होंने फोन कर अन्य कार्यकर्ताओं को धरना स्थल पर बुला लिया और सुकेश मुखर्जी से उलझ पड़े. धरना में मौजूद नेताओं ने कहा कि कोई भी गुंडागर्दी कर अगर डराने धमकाने की सोच रहा है तो यह उसकी भूल है. इस तरह की गुंडागर्दी से डरने वाले नहीं हैं. सुकेश मुखर्जी ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. झमुमो नेता अशोक मंडल ने घटना को दुर्भग्यपूर्ण बताया और कहां कि मासस का असली चरित्र उजागर हुआ हैं. झामुमो के जिला अध्यक्ष लखी सोरेन ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता पर हमला दुभग्यपूर्ण है. झामुमो इसे बर्दाश नही करेगा. ईट का जवाब पत्थर से देंगे. मासस नेता रामजी यादव ने कहा कि सीआईटीयू द्वारा मामले को तूल दिया जा रहा है. हक की लड़ाई लड़ने का सभी को अधिकार है, लेकिन उसकी आड़ में पूर्व विधायक को टारगेट बनाकर खुलेआम गाली गलौज करना न्याय संगत नहीं है. मासस आंदोलन का विरोधी नहीं है, लेकिन आंदोलन की आड़ में अरूप चटर्जी के प्रति अपशब्द का प्रयोग मासस कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमलोगों का विरोध किसी पार्टी से नहीं, सुकेश मुखर्जी से है. क्योंकि जब से उन्होंने पार्टी छोड़ी है, अरुप चटर्जी को निशाना बनाया है. उनकी नजर में पूर्व विधायक अगर गलत है तो लोकतांत्रिक ढंग से विरोध होना चाहिए न कि गाली गलौज कर. [wpse_comments_template]
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