दस साल से लटका है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम
स्वच्छता सर्वेक्षण में धनबाद भले ही देश के कई शहरों को पछाड़ते हुए 33 वां रैंक प्राप्त कर ले रहा है. लेकिन कचरों का निपटारा करने में फिसड्डी है. वर्ष 2006 में निगम गठन के बाद से जमीन तलाशी जा रही है. दो टर्म निगम का चुनाव भी हो चुका है, लेकिन जमीन का काम पूरा नहीं हुआ है. पहले पुटकी में बीसीसीएल की जमीन देखी गई, उसके बाद एफसीआई सिंदरी, बलियापुर के रघुनाथपुर मौजा में जमीन मिली. लेकिन विरोध और अधिक पैसे मांगे जाने के कारण मामला लटक गया. अब झमाड़ा की 18 एकड़ जमीन पर निगम की नजर है. दोनों विभाग भी नगर आयुक्त के अंडर में हैं . इसके बाद भी जमीन हस्तांतरण का काम नहीं हुआ है.किफायती आवास योजना
शहरी क्षेत्र में लाखों ऐसे लोग हैं , जिनके पास न तो अपनी जमीन है और न अपना मकान. ऐसे लोगों के लिए वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री किफायती योजना की शुरुआत हुई थी. लेकिन आज तक एक भी व्यक्ति को इस योजना का लाभ नहीं मिला है. तीन साल पहले झरिया के होरलाडीह में निगम के अधिकारियों ने जमीन चिन्हित की थी. वन बीएचके का 10 हजार मकान बनना था. लेकिन, जमीन के आसपास कोल माइंस होने के कारण किसी ने मकान लेने में रूचि ही नहीं दिखाई. इसके बाद निगम को इस प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा. आज भी इस योजना के लिए निगम के अधिकारी जमीन तलाश रहे हैं . योजना की खानापूर्ति के लिए चंद माह पहले बारमुड़ी की दो एकड़ जमीन पर भूमिपूजन किया गया. यहाँ निगम वन बीएचके का 310 फ्लैट निर्माण करेगा.वाहनों के रखने के लिये नहीं है जमीन
शहर की साफ - सफाई से लेकर निगम से जुड़े अन्य कार्यों के लिए निगम के पास दो दर्जन से अधिक वाहन हैं . निगम कार्यालय भी जर्जर बिल्डिंग में चल रहा है. पुराना निगम कार्यालय अब मॉल में तब्दील होने वाला है. ऐसे में निगम के पास अपने वाहनों को रखने के लिए कहीं जमीन नहीं है. किराए की बिल्डिंग से लेकर सड़कों पर जहाँ - तहाँ वाहन खड़ी रहती है. निगम की योजनाएं रुकी नहीं है, काम तो हो ही रहा है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, आइएसबीटी सहित अन्य योजनाओं के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है- राजेश कुमार सिंह, उप नगर आयुक्त, धनबाद यह भी पढें : दस">https://lagatar.in/bokaro-two-day-strike-of-ten-central-unions-from-february-28/">दसकेंद्रीय यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल 28 फरवरी से [wpse_comments_template]

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