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धनबाद नगर निगम को लगेगा 'छठी मईया' का 'श्राप'

Mithilesh Kumar Dhanbad: शहर के तालाबों का कायाकल्प नहीं हुआ. चैती छठ पर भी निगम की लापरवाही दिख रही है. अधिकतर तालाब गंदगी से अटे हैं. बरमसिया तालाब, रानीबांध तालाब, लोको टैंक तालाब, पम्पू तालाब में गंदगी ही गंदगी है. कॉलोनियों की नालियों का पानी भी तालाब में प्रवेश कर रहा है. ऐसे में  पूर्व पार्षद अंकेश राज का कहना है - नगर निगम को `छठी मईया` का श्राप लगेगा.

वे कहते हैं -तालाब हैं चकाचक 

गंदगी के बीच छठव्रती कल यानी गुरुवार को भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी, वहीं एसी कमरे में बैठे निगम के अधिकारी सफाई का काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं. कल सुबह ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराने की भी बात कर रहे हैं. ये तालाब उस वक्त भी गंदे हैं, जब शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है, दिल्ली की टीम जाँच के लिए कभी भी पहुँच सकती है. लेकिन, सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. तालाब ही नहीं पूरा शहर गंदगी से अटा है.

52 करोड़ से सौंदर्यीकरण कब ? 

कुछ दिन पहले एनजेएस कंसल्टेंट कंपनी ने नगर आयुक्त के समक्ष प्रजेनटेशन दिया था. जिसमें राजा तालाब, जोड़ा तालाब, बरमसिया तलाब, लोको टैंक तालाब और गुहिबन्ध तालाब की स्थिति के बारे में बताया गया था. सभी तालाबों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की बात कही थी. लेकिन, नगर आयुक्त ने बिना अतिक्रमण हटाए तालाबों का प्रस्ताव तैयार करने की बात कही थी. साथ ही 52 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण पूरा होने की बात कही थी. साथ ही सभी तालाब में पानी की सफाई के लिए एसटीपी मशीन भी लगाने की बात कही जा रही है. प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा जा चुका है. वहाँ से स्वीकृति के बाद डीपीआर तैयार करने की बात कही जा रही है.

9 का टेंडर भी हो चुका है 

नगर निगम ने शहरी क्षेत्र के छोटे तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए भी टेंडर निकाला है. 13 अप्रैल को टेंडर फाइनल होगा. इसके बाद कतरास अंचल के 9 छाेटे तालाबाें के जीर्णाेद्वार का काम शुरू होगा. इन तालाबाें की गहराई बढ़ाने के साथ आसपास ग्रीन पैच का निर्माण तथा फूल-पौधे लगाए जाएंगे. इससे कोलियरी क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचाने की बात कही जा रही है.

तालाब के नाम पर बंदरबांट

तालाब के नाम पर पहले भी पैसे का बंदरबांट हो चुका है. सबसे पहले बेकारबांध तालाब का निगम ने सौंदर्यीकरण कराया था. इसका शुरूआती बजट 7 करोड़ था, पार्क को बनने में करीब ढाई साल का समय लगा और बजट भी 7 से 11 करोड़ रुपया पहुंच गया. इसमें निगम के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों की बल्ले बल्ले रही. इसके बाद निगम ने एक भी तालाब का सौंदर्यीकरण नहीं कराया, सिर्फ घोषणाएं हुई, डीपीआर बना और उसके नाम पर पैसे का बंदरबांट हुआ. यह भी पढ़ें : स्थापना">https://lagatar.in/dhanbad-bjps-procession-on-the-foundation-day-modi-modi-cheers/">स्थापना

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