ऐसे काम करती है मशीन
आरओडब्ल्यूएस थर्मल पाचन तकनीक पर आधारित है, जिसमें कचरे को काट दिया जाता है. 100 से 150 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर वेस्ट 10 मिमी तक कट जाता है. यह प्रक्रिया कचरे को जीवाणुरहित करती है और नमी को हटा देती है. जैविक अपशिष्ट थर्मल रूप से पच जाता है. इससे तैयार पोषक तत्व से भरपूर खाद मिलने के बाद पौधे अच्छे तरीके से विकसित होते हैं. ठोस जैविक कचरे को पूरी तरह सूखे पाउडर में बदलने के लिए चार से छह घंटे लगते हैं.पोर्टेबल है यह मशीन
यह मशीन शहर से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट जैसे होटल का बचा खाना, सब्जी समेत अन्य आर्गेनिक वेस्ट को तेजी से बायो फर्टिलाइजर में विकसित करेगी. 100 किलो कचरे में 20 से 25 किलो खाद तैयार होगा. मशीन को 25 किलो, 50 किलो व 100 किलो या अन्य क्षमता के अनुसार तैयार किया जा सकेगा. जगह भी कम घेरती है. पोर्टेबल होने के कारण इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. ग्रीन टेक्नोलाजी के आधार पर इसे तैयार किया गया है. इसका कोई वेस्ट नहीं होता है. यह भी पढ़ें : जामताड़ा">https://lagatar.in/jamtara-bihar-stf-busted-illegal-gun-factory-three-arrested/">जामताड़ा: बिहार एसटीएफ ने किया अवैध गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार [wpse_comments_template]

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