Dhanbad : महिलाओं के साथ बढ़ रही छेड़खानी के मामले को देखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने जागरुकता फैलाने के लिए शनिवार 26 फरवरी को धनबाद सिविल कोर्ट में कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में जिले के पुलिस पदाधिकारी, महिला समूह की सदस्य, पैरा लीगल वालंटियर आदि मौजूद थे.
कार्यशाला में कानूनों के प्रति किया गया जागरूक
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव सह अवर न्यायाधीश निताशा बारला ने कहा कि पहले छेड़खानी जैसे अपराधों में सजा कम होती थी, जिस कारण अपराधियों को भय नहीं रहता था. अब छेड़खानी जैसे मामलों में सजा बढ़ा दी गई है, जिसमें तीन से पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है. छेड़खानी की पीड़ित यदि नाबालिग हो तो उस पर पोक्सो अधिनियम के तहत भी मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें अपराध की प्रकृति के हिसाब से अधिकतम सजा का भी प्रावधान है. राह चलती लड़कियों को घूर कर देखना ,छींटाकशी करना या शारीरिक रूप से उसे परेशान करना भी अपराध के दायरे में आता है. परंतु लोग जागरूक नहीं है. शिकायत के अभाव में कार्रवाई नहीं हो पाती है. महिलाएं अपने अधिकार और उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों के प्रति जागरूक नहीं हैं. उन्हें जागरूक बनाने की जरूरत है..
उन्होंने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने वैसे सभी शिक्षण संस्थान, रेलवे स्टेशन बस स्टैंड, शॉपिंग मॉल, सिनेमाहॉल, थिएटर व अन्य जगह जहां लड़कियां पढ़ती हो या ऐसे सार्वजनिक जगह जहां लड़कियों की उपस्थिति रहती है, वहां सादे लिबास में महिला पुलिस पदाधिकारी तैनात रहेंगी और इस तरह के अपराध को रोकने का काम करेंगी.
सूचना मिलने पर पुलिस करेगी त्वरित कार्रवाई
उन्होंने बताया कि पुलिस को ऐसी सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करना है. लापरवाही बरतने पर संबंधित पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जिले में महिला हेल्प सेंटर शुरू किया जा रहा है, जिसमें टोल फ्री नंबर होगा. सूचना मिलते ही उसे संबंधित थाने को तुरंत प्रेषित कर दिया जाएगा, ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके. कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह, ज्ञानेश्वर गिरि ने भारतीय दंड विधान की धारा 354 एवं पोक्सो अधिनियम के विभिन्न धाराओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी.
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