युवा व महिला वोटरों में दिखा उत्साह, बूथों पर लंबी लाइन में लगकर किया वोट
Tiochanchi : गिरिडीह लोकसभा के अंतर्गत आने वाले तोपचांची प्रखंड के लोगों ने शनिवार को लोकतंत्र के महापर्व में उत्साह के साथ भाग लिया. प्रखंड में 85 भवनों में बनाए गए कुल 146 बूथों पर शाम पांच बजे तक शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. तेज धूप व गर्मी के बावजूद लोगों ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. युवाओं व महिला वोटरों में ज्यादा उत्साह देखा गया. बूथों पर घंटों लाइन में लगकर महिलाओं ने अपना वोट डाला. हर बूथ पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
चार बूथों पर ईवीएम में खराबी के चलते आया व्यवधान
खरियो पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरवाडीह में बूथ संख्या 244 और रामाकुंडा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बूथ संख्या 234 पर ईवीएम में खराबी की वजह से मतदान आधा घंटा विलंब से शुरू हुआ. दोनों मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़बड़ी के कारण मॉक पोल नहीं हो पा रहा था. करीब आधा घंटा बाद ईवीएम ठीक कर मॉक पॉल के बाद मतदान शुरू हुआ. गेंदनावाडीह उत्तर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ संख्या 237 पर दोपहर में ईवीएम में खराबी की वजह से एक घंटा तक मतदान रुका रहा. वहीं, मानटांड़ स्थित चितरपुर पंचायत सचिवालय के बूथ संख्या 212 पर भी ईवीएम में खराबी के चलते 40 मिनट तक मतदान रुका रहा. बाद में ईवीएम बदलकर मतदान शुरू कराया गया.
कई बूथों पर शाम पांच बजे के बाद भी लगी रही कतार
कई बूथों पर शाम 5 बजे के बाद भी वोटरों की लंबी लाइन लगी रही उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामाकुण्डा के बूथ संख्या 234 , मध्य विद्यालय बरवाडीह के बूथ संख्या 244, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भुइंया चितरो के बूथ संख्या 193 पर निर्धारित समय शाम 5 बजे के बाद भी मतदान जारी रहा. रामाकुण्डा में ग्रामीणों ने बताया कि बूथ संख्या 234 पर ईवीएम में खराबी के कारण मतदान में दो बार व्यवधान आया. रामाकुण्डा पंचायत के बूथ संख्या 234 पर शाम 5 बजे के बाद भी करीब 150 मतदाता कतार में टोकन लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे.
चिराबाद में ग्रामीणों ने किया वोट बहिष्कार
तोपचांची प्रखंड की गुनगुसा पंचायत के चीराबाद गांव में रास्ता (सड़क) की सुविधा नहीं रहने से नाराज ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार किया. हालांकि, बूथ पर कुछ मतदाताओं ने अपने मताधिकार प्रयोग जरूर किया, लेकिन ज्यादातर ग्रामीण वोट डालने नहीं आए. उनका कहना था कि जब तक रास्ता नहीं बनेगा, वोट नहीं डालेंगे.
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