Dhanbad : नगर निगम प्रधान कार्यालय से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित भिस्तीपाड़ा काली मंदिर रोड में सफाई व्यवस्था बदहाल है. मुहल्ले के लोग मवेशियों के गोबर और मलमूत्र से परेशान हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ पशुपालकों की वजह से यह स्थिति बनी है. इधर बारिश से सड़क पर फिसलन हो गई है. घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है. विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाला निगम आज तक इस मुहल्ले की हालत नहीं सुधार पाया है. पशुपालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होती है. स्थनीय पार्षद भी सिर्फ वाहवाही लूटते हैं, जो मुहल्ले की दशा सुधारने में नाकाम रहने के बाद अब मेयर का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
मुहल्ले के लोगों ने बयां किया अपना दर्द

मुहल्ले के पप्पी तिवारी ने बताया कि वे लोग कहने के लिये वार्ड 27 के शहरी हैं. यहां की सड़क पर मवेशियों का कब्जा है. यह स्थिति मुहल्ले के दिलीप यादव व पप्पू यादव के खटाल के कारण हुई है. सड़क पर हर दिन मवेशियों का गोबर बहाया जाता है.

अनिल कुमार कहते हैं कि गंदगी के कारण घर के बच्चे बाहर खेल नहीं पाते हैं. निगम की गाड़ी भी कचरा उठाने नहीं आती है.

हेमराज ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये की वजह से यह स्थिति हुई है. मुहल्ले में नाली बन जाती तो समाधान निकल सकता था.

अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ लोगों की मनमानी की वजह से यह समस्या है. बोलने पर पशुपालक गाली गलौज और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं.
हर गली , नुक्कड़ पर मवेशियों का कब्जा
सिर्फ भिस्तीपाड़ा ही नहीं अन्य मुहल्लों में भी कमोबेश यही स्थिति है. पशुपालक दूध नहीं देने वाले जानवरों को खुला छोड़ देते हैं. ये जानवर भोजन की तलाश में गली-मुहल्लों सहित शहर की मुख्य सड़कों पर डेरा जमाए रहते हैं. कई बार तो राहगीरों को भी गंभीर रूप से जख्मी कर देते हैं. कोई वाहनों की चपेट में आकर जान गंवा बैठता है. ऐसे मामलों पर निगम के अधिकारियों का बयान गैर जिम्मेदाराना होता है. खुद नगर आयुक्त कहते हैं कि शहर की सारी जिम्मेदारी निगम की है. ऐसे हमारे पास जो भी शिकायत आती है, उसका समाधान किया जाता है.
यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला : अंकेश राज

वार्ड 27 के पूर्व वार्ड पार्षद कुमार अंकेश राज का कहना है कि स्वच्छता को लेकर वह कभी लापरवाही नहीं बरतते. जब पार्षद थे तब भी, और आज भी अपने वार्ड के कार्यो में लगे रहते हैं. काली मंदिर रोड पर तो उन्होंने अपने कार्यकाल में इंटीग्रेटेड रोड पास कराया था, लेकिन लोगों ने बनने नहीं दिया. रही बात सड़क पर गोबर बहाने की तो ये लॉ एंड ऑर्डर का मामला है.
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