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एलाइजा टेस्ट नहीं होने से बढ़ी बीमारी, लालबंगला से 11 सैंपल का कलेक्शन
Ravindra Kumar
Dhanbad : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कई निजी अस्पतालों में तेज बुखार से पीड़ित मरीज भर्ती हैं. कोयलांचल में डेंगू के फैलाव से लोग दहशत में हैं. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई से अब तक 650 से अधिक सैंपल का कलेक्शन किया, लेकिन कुछ को छोड़ सभी की जांच एनएस 1 से कर दी गई. विभाग के रिकॉर्ड में विगत रविवार तक एक भी डेंगू मरीज नहीं था. वजह थी कि सैंपलों का एलाइजा टेस्ट नहीं हो रहा था. ज्यों ही सोमवार को 14 सैंपलों की जांच एलाइजा से हुई, 3 लोग डेंगू संक्रमित मिले.
दुमका व झरिया के हैं मरीज
एसएनएमएमसीएच में अब तक तेज बुखार से पीड़ित 16 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें 3 की डेंगू रिपोर्ट एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव मिली. सिविल सर्जन डॉ सी पी. प्रतापन ने बताया कि जांच में दुमका जिले के एक पिता व उसके पुत्र तथा झरिया लोदना क्षेत्र के मल्लाह पट्टी के एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई. मंगलवार को विभाग की टीम ने खपड़ाघौरा और लोदना में भी कंटेनर सर्वे कराया. हालांकि वहां के लोगों में कोई लक्षण नहीं मिला है. लोदना क्षेत्र के मल्लाह पट्टी में भी कंटेनर सर्वे कराया गया है. डेंगू जांच के लिए 60 से अधिक व्यक्तियों के रक्त का नमूना संग्रहित किया गया है. इसके अलावा बाघमारा प्रखंड के महुदा लाल बंगला में कंटेनर सर्वे व लार्वा खत्म करने की दवा का भी छिड़काव किया गया है.
निजी लैब में एनएस 1 से हो रही डेंगू जांच
डब्ल्यूएचओ के निर्देश को ताक पर रखकर अब भी कोयलांचल के निजी जांच घर संभावित डेंगू मरीजों का एनएस 1 टेस्ट कर रहे हैं. इधर, सिविल सर्जन का भी कहना है कि एनएस 1 से जांच कराने पर डेंगू की पुष्टि नहीं होती है. सवाल उठता है कि निजी लैब सैंपलों की जांच एनएस 1 टेस्ट किस अधिकार से कर रहे हैं. यह अपने आप में जांच का विषय बना हुआ है.
एनएस 1 की रिपोर्ट के आधार पर चढ रहा प्लेटलेट
निजी अस्पतालों में एनएस 1 जांच की रिपोर्ट को आधार मान कर मरीजों को प्लेटलेट चढाया जा रहा है. केवल एसएनएमएमसीएच ब्लड बैंक से ही हर रोज औसतन 10 से 15 प्लेटलेट्स लिए जा रहे हैं. आकड़ों की बात करें तो रविवार को 15 यूनिट प्लेटलेट जरूरतमंदों ने लिया. वहीं सोमवार व मंगलवार को भी 10 से अधिक प्लेटलेट ब्लड बैंक से लिये गए. सवाल उठता है कि आखिर इतनी संख्या में किस बीमारी से पीड़ित मरीज को प्लेटलेट की जरूरत पड़ रही है. क्या कोई दूसरी नई बीमारी है, जिसमें डेंगू की तरह मरीज का प्लेटलेट तेजी से कम हो रहा है.
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