2019 से ही चल रही है तैयारी
प्रदूषण की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने की तैयारी नगर निगम में वर्ष 2019 से चल रही है. निगम के अधिकारियों का कहना है, इसके लिए प्रदूषण बोर्ड को 6 करोड़ रुपए भी दिए गए थे. बोर्ड ने तीन साल में 3 करोड़ रुपए खर्च किया और काम भी पूरा नहीं हुआ. 2021 में बाकी बचे 3 करोड़ रुपए वापस कर दिए गए और खुद से काम पूरा करने को कहा गया. इसके बाद नया डीपीआर बनी और एजेंसी बहाल की गई. बजट भी बढ़कर 8 करोड़ हो गया. 2022 में तंत्र और डिसप्ले बोर्ड लगाने का काम शुरू हुआ. इसी साल 5 जून को यंत्र का उद्घाटन होना था, लेकिन सर्वर से नहीं जुड़ने के कारण उद्घाटन को टालना पड़ा.क्यों जरूरी है सर्वर से जोड़ना
निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर में लगे सभी प्रदूषण मापक यंत्र चालू हैं. निगम में बनी मोनेटेरिंग में इसकी जानकारी भी पहुंच रही है. सटीक जानकारी देने वाला हमारे पास कोई नहीं है. इसलिए इसे सर्वर से जोड़ना जरूरी है. यह काम होने से धनबाद के 10 स्थानों पर लगे प्रदूषण मापक यंत्र का डाटा दिल्ली के सीपीसीबी में जाएगा. वहां इसकी जांच होगी. इसके बाद दोबारा ये डाटा धनबाद भेजा जाएगा, तब शहर में लगी स्क्रीन पर दिखेगा.काम दो विभागों का, इसलिए हो रही देरी : प्रकाश कुमार
धनबाद नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार ने कहा कि प्रदूषण मापक यंत्र का काम पूरा हो चुका है. अभी इसे सर्वर से जोड़ने का काम चल रहा है. दो अलग-अलग डिपार्टमेंट का काम है, इसलिए देरी हो रही है. यह भी पढ़ें: राज्यपाल">https://lagatar.in/governor-cp-radhakrishnan-visited-23-districts-to-know-the-condition-of-central-schemes/">राज्यपालसीपी राधाकृष्णन ने 23 जिलों का किया भ्रमण, केंद्रीय योजनाओं का जाना हाल [wpse_comments_template]
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