Maithan (Dhanbad): सिखों के दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी की 357वीं जयंती पर कुमारधुबी में रविवार को हर्षोल्लास के साथ प्रकाश पर्व मनाया गया. सुबह अखंड पाठ की समाप्ति के बाद कुमारधुबी गुरूद्वारा से भव्य नगर कीर्तन निकाला गया. पंच प्यारे की अगुआई में गुरू ग्रंथ साहिब को सुसज्जित रथ पर सजाया गया. नगर कीर्तन चिरकुंडा गुरू नानक मिशन स्कूल पहुंचा. इस दौरान सिख श्रद्धालुओं द्वारा शबद कीर्तन और गुरबाणी का गायन किया गया. पूरा क्षेत्र बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयघोष से गूंजयमान हो गया. गुरू नानक मिशन स्कूल प्रांगण में महान कीर्तन दरबार सजाया गया. दरबार साहिब अमृतसर से आए रागी जत्था भाई बलदेव सिंह और कथा वाचक भाई हरप्रीत सिंह ने शबद कीर्तन और गुरबाणी से सभी श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया.
मितर प्यारे नू हाल मुरीदा दा कहना, दीन दयाल भरोसे तेरे, तहीं प्रकाश हमारा भयो पटना शहर विखे प्रभ लेयो आदि शबद कीर्तन से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया. कथा वाचक हरप्रीत सिंह ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह ने मानवता व धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व लूटा दिया. आज की युवा पीढ़ी गुरू गोविंद सिंह जी की जीवनी व उनके बलिदानी गाथाओं को जाने और यह प्रण लें कि उनके आदर्शो को अपने जीवन में ढालने का प्रयास करेंगे.
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शबद कीर्तन एवं गुरुबाणी की समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं के बीच लंगर प्रसाद का वितरण किया गया. प्रकाश पर्व को सफल बनाने में गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी, स्त्री सत्संग सभा सहित सभी सिख श्रद्धालुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा.