Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) धनबाद जिला परिषद की नई टीम को कई चुनौतियों का सामना करना होगा. डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद बोर्ड का गठन हुआ है. ग्रामीण जनता विकास की आस लगाए बैठी है. जिला परिषद की कमान महिलाओं के हाथ में है. सबसे बड़ी चुनौती है विकास योजनाओं के लिए फंड की व्यवस्था करना. जिला परिषद की आय बढ़ाने के लिए दुकानों का किराया बढ़ाया जा सकता है. बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सकता है. गांव की सरकार में बदलाव के बाद देखना है कि लोग कितने लाभान्वित होते हैं. जिला परिषद में वर्तमान फंड की राशि 1.08 करोड़ है. जिला परिषद के पास आय का साधन दुकान, न्यू टाउन हॉल, डाक बंगला, बैंकेट हॉल है, जिससे सालाना एक करोड़ की आय होती है. बहुत बड़ी राशि मार्केट में बकाया भी है. कोरोना महामारी के कारण जिला परिषद की तरफ से किराया जमा करने के लिए थोड़ी रियायत दी गई है. इस राशि को ही विकास व स्थापना मद में खर्च कर सकते हैं. धनबाद जिला परिषद में 29 सदस्य हैं, वर्तमान में जो राशि उपलब्ध है, उससे एक जिला परिषद सदस्य के क्षेत्र में 3 से ₹4 योजना ली जा सकती है. पहले से कई सारी योजनाएं स्वीकृत हैं. पिछली बोर्ड की बैठक में भी लगभग ₹15 करोड़ की योजना लेने का निर्णय हुआ था. लेकिन तकनीकी मंजूरी नहीं मिल पाई थी. चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रोबिन चंद्र गोराई ने डीसीसी को पत्र लिखकर अंतिम बोर्ड की बैठक में मंजूर योजनाओं को निरस्त करने की मांग की थी. यह भी पढ़ें: धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-instructions-to-set-up-mega-kcc-camps-on-23rd-june-in-all-blocks/">धनबाद
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धनबाद: जिला परिषद के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को करना होगा आर्थिक संकट का सामना

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