Dhanbad : झमाडा के मृत कर्मियों के आश्रित पिछले 24 घंटे से कार्यालय के मुख्य द्वार पर तम्बू लगाकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं. धरना पर बैठे 24 घंटे से भी अधिक समय बीत गए हैं, बावजूद झमाडा सहित किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इनकी सुध नहीं ली है. इधर धरना पर बैठे आश्रित उग्र होते जा रहे हैं. बता दें कि वर्षों से अनुकंपा पर अविलंब नियुक्ति की मांग को लेकर झमाडा कार्यालय के मुख्य द्वार पर मृत कर्मियों के आश्रितों ने अनिश्चितकालीन धरना विगत 22 फरवरी को शुरू कर दिया है. परंतु कोई प्रशासनिक अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया. बातचीत के दौरान धरना पर बैठे अरविंद कुमार ने झमाडा को चेतावनी दी कि इस बार मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. लगातार आंदोलन के बावजूद झमाडा की नींद नहीं खुल रही है. इससे पहले भी महा धरना दिया था. तब भी सिर्फ आश्वासन ही मिला था. अब धरना के 24 घंटे बाद भी कोई अधिकारी धरना स्थल पर नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा है कि 2012 के बाद से अनुकंपा पर नियोजन बंद हो गया था. जो आज तक जारी है. एक अन्य धरनार्थी मोहम्मद अजहरुद्दीन का कहना है कि झमाडा में काम करते 200 से अधिक कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. परंतु उनके आश्रितों को अनुंकपा पर नहीं रखा जा रहा है. यह भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-three-dependents-of-bagodar-who-died-in-a-road-accident-will-get-one-lakh-each/">गिरिडीह
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धनबाद : माडा के समक्ष आश्रितों का धरना जारी, किसी अधिकारी ने नहीं ली सुध

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