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धनबाद: रेलवे ठेकेदार के साथ मारपीट करने वाले रेल एसपी के गोपनीय रीडर का हुआ तबादला

 Raja Gupta

रंगदारी मांगना पड़ा महंगा, डीजीपी अजय कुमार सिंह ने भेजा चाईबासा

Dhanbad:  धनबाद रेल मंडल के ठेकेदार प्रदीप कुमार सिंह के साथ मारपीट वरंगदारी मांगने वाले रेल एसपी धनबाद के गोपनीय रीडर मनीष रंजन का तबादला डीजीपी अजय कुमार सिंह ने पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा कर दिया है़. डीजीपी ने रांची में तबादला के आदेश पर एक दिन पहले 21 अगस्त को हस्ताक्षर किया, जो 22 अगस्त मंगलवार को धनबाद कार्यालय पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार 1 साल पहले गोपनीय रीडर मनीष रंजन समेत तीन-चार पुलिसकर्मियों ने रेलवे ठेकेदार के साथ मारपीट की व रंगदारी की मांग की थी. रेलवे ठेकेदार ने धनबाद रेल थाना समेत तत्कालीन रेल डीजी अनिल पालटा से शिकायत की थी.

ठेकेदार को दी थी केस उठाने की धमकी

उस समय रेल डीजी के निर्देश पर रेल एसपी प्रियदर्शी आलोक ने पहले टेक्निकल सेल, फिर पुलिस केंद्र और उसके बाद भोजूडीह रेल थाना में तबादला किया. दो माह बाद डीजी अनिल पलटा का तबादला होते ही तत्कालीन रेल एसपी प्रियदर्शी आलोक ने रीडर का तबादला भोजूडीह से रेल एसपी धनबाद कार्यालय में कर दिया. इसी बीच रेल ठेकेदार ने न्यायालय में भी केस कर दिया. मनीष रंजन को जब पता चला तो उसने ठेकेदार को केस उठाने की धमकी दी. तंग आकर ठीकेदार ने रांची में डीजीपी अजय कुमार सिंह से शिकायत की. बार-बार गोपनीय रीडर के खिलाफ शिकायत और कोर्ट में केस होने पर डीजीपी ने खुद बारीकी से सर्विस बुक चेक किया.

एक ही जिला में  जमे हुए थे पांच साल से 

पता चला कि मनीष रंजन एक ही जिला में पांच साल से अधिक समय से जमा हुआ है. नियमतः एक जिला में पांच साल और एक पद पर दो साल ही रह सकते हैं. एक पद से दूसरी जगह तबादला होने के बाद उसी पद पर दोबारा दो साल के भीतर तबादला नहीं किया जा सकता है. डीजीपी ने तबादले का नोटिफिकेशन धनबाद रेल एसपी कार्यालय भेज दिया है और 12 घंटे के भीतर रीडर को चाईबासा जाकर योगदान देने को कहा गया है. हालांकि मनीष रंजन ने पहले ही आवेदन देकर छुट्टी ले ली है. बताया गया है कि तबादला रुकवाने के लिए वब पुलिस मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. [wpse_comments_template]

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