कई परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर
रेलवे ने अभियान में लगभग 30 घर तोड़ दिये. इनमें कई ऐसे परिवार हैं, जिनका कोई ठौर-ठिकाना नहीं है. रेलवे द्वारा उजाड़े जाने के बाद वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. कई परिवार मलबे के पास खाना बनाते देखे गये. घर टूनने से महिलाएं व बच्चे बेजार रो रहे थे. उनके चेहरे पर रेलवे के प्रति गुस्सा के भाव थे. पुनर्वास की मांग कर रहे थे. कड़ाके की ठंड में बेघर करने व पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं करने पर स्थानीय प्रशासन को खूब कोसा. मौके पर विधायक अरूप चटर्जी भी मौजूद थे, लेकिन वो मूकदर्शक बने रहे. लोगों को ढांढस बंधा रहे थे. वहीं स्थानीय प्रशासन ने बेघर हुए लोगों के लिए टेंट तक की व्यवस्था नहीं की.दो साल में पुनर्वास की नहीं हुई व्यवस्था
आसनसोल डीआरएम की ओर से पिछले दो साल से लोगों को नोटिस देकर जगह ख़ाली करने को कहा जा रहा था. लेकिन उनके पुनर्वास के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई. लोगों ने कहा कि उन्हें उजाड़ने से पहले पुनर्वास नीति के तहत बसाने की पहल होनी चाहिये थी. रेलवे अधिकारी शिव कुमार ने बताया कि पहले चरण में 30-35 घर तोड़े गए हैं. 130 लोगों को नोटिस दिया गया है. यह भी पढ़ें : आइएएस">https://lagatar.in/officers-promoted-in-ias-cadre-got-the-post-of-joint-secretary/">आइएएससंवर्ग में प्रमोट हुए अफसरों को ज्वॉइंट सेक्रेट्री का मिला पद हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q">https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q">https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
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