काफी मशक्कत के बाद बाज़ार पहुंचता है `शाकाहारी मटन`
रुगड़ा विक्रेता संतोष रवानी ने बताया कि धनबाद के बाजारों में लोग इसके रुगड़ा, फुटका के साथ-साथ शाकाहारी मटन के नाम से भी पुकारते हैं. यह रुगड़ा जिले के आसपास के जंगलों और गांवों के टांड़ में पाया जाता है. उन्होंने बताया कि इसे ढूंढने और निकलने का प्रोसेस काफी मेहनत और मशक्कत भरा होता है. जंगलों में जमीन में कुछ-कुछ भाग उठा सा नजर आता है. जिसे खोदने पर रुगडा मिलता है. जिसके बाद इसकी काफी साफ-सफाई करनी पड़ती है. तब जा कर इसे बाजार में बेचा जाता हैं. बाजार पहुंचते ही घंटे भर में ही इसकी बिक्री हो जाती है क्योंकि इसके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है.बीतते मानसून के साथ कमतर होने लगता है स्वाद
संतोष रवानी ने बताया कि रुगड़ा दो तरह के होते हैं. काला और सफेद. दोनों का स्वाद अलग होता है. उन्होंने बताया कि मानसून के शुरुआती दौर में यह बेहद स्वादिष्ट होता है. लेकिन जैसे-जैसे मानसून समाप्ति की ओर बढ़ता है, इसके टेस्ट में कमी आने लगती है.महंगी हरी सब्जियों व नॉनवेज का बेहतर विकल्प
रुगड़ा की खरीदारी कर रही गृहिणी सुनीता सिन्हा बताती है कि हरी सब्जियों की बढ़ती महंगाई और नॉनवेज का एक बेहतर विकल्प रुगड़ा ही बचता है. जिसका टेस्ट बिल्कुल मटन की तरह ही होता है.औषधीय गुणों से भरा है रुगड़ा
डॉ.विद्युत चक्रवर्ती बताते हैं कि यह एक तरह का मशरूम है. बारिश के मौसम में रुगड़ा का सेवन हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक है. इसमें कई औषधीय गुण हैं, जो हमारे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने का काम करता है. [caption id="attachment_704210" align="alignnone" width="227"]alt="" width="227" height="300" /> डॉ.विद्युत चक्रवर्ती, चिकितस्क[/caption] उन्होंने बताया कि रुगड़ा में भारी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, विटामिन-बी, विटामिन-सी, कॉम्प्लेक्स, राइबोलोन, थायमिन,विटामिन-बी12, फोलिक एसिड, लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटाशियम के साथ ताम्बा भी पाया जाता है. जो कि हृदय रोग, कैंसर, किडनी और डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है. यह">https://lagatar.in/dhanbad-villagers-unite-against-stone-quarry/">यह
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