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धनबाद: ग्रामीण युवा नौकरी से मुंह मोड़ झुक रहे स्वरोजगार की ओर

ऑनलाइन सेवाओं के जरिये हर माह कर रहे अच्छी कमाई

Mithilesh Kumar Dhanbad: ग्रामीण इलाके के पढ़े लिखे युवाओं का झुकाव ऑनलाइन सेवाओं की ओर तेजी से हो रहा है. युवा शहरों में 10-15 हजार की नौकरी से मुंह मोड़ रहे हैं और स्वरोजगार की ओर ध्यान दे रहे हैं. सीएससी सेंटर ( कॉमन सर्विस सेंटर) ऐसा ही नाम है, जो युवाओं के लिए रोजगार की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसे प्रज्ञा केंद्र भी कहा जाता है. सीएससी सेंटर के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुनील कुमार बताते हैं कि धनबाद में कुल 2520 सेंटर अभी चल रहे हैं, जिनमें 1722सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र में हैं. शहर की तुलना में ग्रामीण युवाओं का झुकाव ऑनलाइन सेवाओं की ओर अधिक है. युवा इस सेवा से जुड़कर अच्छी खासी आय कर रहे हैं.

 सरकारी दर पर मिलती हैं सारी सुविधाएं

पुटकी सियालगुदारी पंचायत भवन में सीएससी सेंटर के संचालक सोनू कुमार यादव वर्ष 2013 से इस व्यवसाय से जुड़े हैं. उन्होंने अन्य दो लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराया है. उन्होंने बताया कि हाथ का हुनर कभी बेकार नहीं जाता है. मुझे कंप्यूटर की अच्छी जानकारी थी, इसलिए इस पेशे को चुना. दूसरों के पास छोटे मोटे काम करने से अच्छा है, खुद का कुछ करें. यह सोच कर आगे बढ़े और अब उनके काम को देखते हुए आधार में सुधार का भी काम मिल गया है. इसके अलावा बैंक,पासपोर्ट, पेन कार्ड, वोटर कार्ड का आवेदन भरने, श्रम कार्ड, आयुष्मान कार्ड, मुख्यमंत्री राहत फसल योजना, इंश्योरेंस, जाति, आवासीय, इनकम व दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने का भी काम करते हैं. हर दिन लगभग 100 करीब काम मिल जाता है. सभी काम सरकारी रेट पर होते हैं. साइबर कैफे की तरह मनमाना रेट ग्राहक से नहीं ले सकते हैं. दुकान में रेट चार्ट भी लगा रखा है. इसलिए लोग उनके पास आते हैं. अच्छा कमीशन बन जाता है.

 हर माह हो जाती है 15 हजार की आमदनी

धनबाद के छोटा अंबोना पंचायत में सीएससी सेंटर के संचालक करण दास हाल ही 2021 से इस व्यवसाय से जुड़े. वह कगते हैं कि इस काम से गांव में ही रहकर हर माह 10 से 15 हजार कमा लेते हैं. किसी माह उससे बी ज्यादा आमदनी हो जाती है. सीएससी में 300 से अधिक काम है. ऑनलाइन पढ़ाई का काम अलग से है. लेकिन ग्रामीण युवा ऑनलाइन पढ़ाई करना पसंद नहीं करते. इसलिए सरकारी सुविधाओं से जुड़ा काम ही गांव में करते हैं. सीएससी सेंटर में लूट खसोट नहीं है, इसलिए ऑनलाइन काम कराने उनके पास पहुंचते हैं. उन्होंने अन्य बेरोजगार युवाओं से भी अपील की है कि काम अच्छा है, मेहनत के अनुसार आमदनी भी है. [wpse_comments_template]

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