Dhanbad : सिखों के महत्वपूर्ण पर्व बैसाखी को ले कर 14 अप्रैल को शहर के गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया गया. इस मौके पर गुरुद्वारा में दो दिवसीय खालसा सृजन दिवस का आयोजन किया गया है, जिसमें अमृतसर दरबार साहिब से स्वरूप सिंह, विशेष रागी जत्था एवं भाई सुलखान सिंह रागी जत्था ने स्वागत गायन से संगत को निहाल कर दिया. गुरुद्वारा में विशेष दीवान सजाया गया, जिसमें ग्रंथी ने गुरु की महिमा का बखान किया. समाज के लोगों ने गुरु के चरणों में मत्था टेका और परिवार की सलामती के लिए अरदास की. अरदास की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर चला, जिसमें लोगों ने जमकर प्रसाद ग्रहण किया.
गुरुद्वारा कमेटी के उपाध्यक्ष जगजीत सिंह बताते हैं कि बैसाखी सिखों के लिए काफी महत्वपूर्ण पर्व है. क्योँकि इस महीने में रबी की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है और उनकी कटाई भी शुरू हो जाती है. बैसाखी फसल पकने और सिख धर्म की स्थापना के रूप में मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन सिख पंथ के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. इस दिन से सिखों के नए साल की शुरुआत होती है.
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