Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) झमाडा आश्रितों का धरना 20 अगस्त शनिवार को 6 महीने का हो गया है. आश्रितों के अनिश्चितकालीन धरना के 180 दिन गुजर चुके हैं, परंतु प्रबंधन का मौन व्रत भंग नहीं हुआ है. उनकी ओर से कोई स्पष्ट जवाब भी नहीं मिला है. प्रबंधन के इस रवैये से आश्रितों में भारी आक्रोश है.
धरना पर बैठे मेहराबुल अंसारी ने बताया कि अनुकंपा बहाली को लेकर जब विगत 22 फरवरी को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया था, उस वक्त प्रबंधन की ओर से 120 दिनों का समय मांगा गया था. कहा गया था कि 120 दिन में तमाम प्रक्रिया पूरी कर नियोजन दे दिया जाएगा. अब 180 दिन यानी 6 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन मांगें तो पूरी नहीं हुई, कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों झमाडा प्रबंधन ने नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर नियोजन की अनुमति मांगी थी. विभाग ने खर्च और आय व्यय का ब्योरा मांगा था. परंतु अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखाई दे रही है. झमाडा ( टीएम ) तकनीकी सदस्य इंद्रेश शुक्ला का कहना है कि उच्च अधिकारियों को सूची बनाकर भेज दी गई है. अब आदेश का इंतजार किया जा रहा है.
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