Search

धनबाद : कोई न कोई तो गुल खिलाएगी सांसद व भाजपा जिलाध्यक्ष की कुर्सी

धनबाद भाजपा में बन रहे हैं नित नये समीकरण,उबल रही है राजनीति की खिचड़ी

Dhanbad : धनबाद भाजपा में सांसद व जिलाध्यक्ष की कुर्सी क्या गुल खिलाएगी, यह सवाल पहली बार राजनीतिक गलियारों में चीख-चीख कर कुछ कह रहा है. अनुमान कई तरह के लगाए जा रहे हैं, मगर सच्चाई सामने आ नहीं रही. अब एक साथ 12 से 15 सदस्यों का तारापीठ में डेरा डालने का क्या मतलब है. यह भी कहा जा रहा है कि सभी सदस्य सांसद पशुपतिनाथ सिंह गुट के हैं. यह भी समझने के लिए दिमाग पर जोर लगाना पड़ रहा है कि भाजपा में भी कोई गुट है. और फिर अगर गुटबाजी ही करनी है तो फिर धनबाद छोड़ कर तारापीठ में डेरा डालने का संकेत समझ में नहीं आता है.

बातें हैं बातों का क्या

पिछले कुछ दिनों से धनबाद के सांसद की कुर्सी पर कयासों का सिलसिला चल रहा है. अब जिलाध्यक्ष की कुर्सी भी हॉट केक बन कर सामने आ गई है. इस बीच सांसद गुट के लगभग 12-15 सदस्यों के एक साथ तारापीठ पहुंचने से नई हलचल मच गई है. सांसद और जिलाध्यक्ष को लेकर कई उम्मीदवारों की चर्चा भी छिड़ी हुई है. यह चर्चा किस तरह के नतीजे सामने लेकर आएगी, कहना मुश्किल है.

सोशल मीडिया में भी हो रही है चर्चा

सांसद गुट के सदस्यों के तारापीठ पहुंचने के बाद से ही जिला भाजपा के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ लिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी की चर्चा भी खूब हो रही है. सांसद समर्थक कार्यकर्ता के पोस्ट में लिखा है "चेला को गुरु की शरण में आना ही होगा". इसके अलावा भी कई सदस्य सांसद के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं. मगर नकारात्मक पोस्ट कुछ ही मिनटों में गायब भी हो रहे हैं.

सांसद गुट के तीन मिलाकर आधा दर्जन उम्मीदवार

सांसद गुट के उम्मीदवारों में नितिन भट्ट, मानस प्रसून और संजय झा के नाम भी चर्चा में है. दूसरी ओर मुकेश पांडे, अरुण राय और रूपेश सिन्हा रांची में कैम्प कर रहे हैं. विधायक राज सिन्हा, विधायक ढुल्लू महतो और झारखंड की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाली रागिनी सिंह किसके सिर पर हाथ रखेंगी, यह पता नहीं चल रहा है. सांसद गुट के सबसे मजबूत स्तंभ माने जाने वाले नितिन भट्ट तारापीठ वाली टीम में शामिल नहीं हैं. क्यों नहीं हैं, यह एक अलग चर्चा का विषय है.

नए समीकरण में दिखा पूर्व मेयर का साथ

सांसद गुट के तारापीठ वाली टीम में पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या सांसद पशुपतिनाथ सिंह पूर्व मेयर को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं. भाजपा के अंदरखाने में सांसद व पूर्व मेयर के बीच शीतयुद्ध की कहानी चटखारे ले कर दुहराई जा रही थी. अब दोनों का साथ धनबाद भाजपा में नया समीकरण बना रहा है. एक तरफ सांसद तारापीठ के लिए निकले, तो उसी दिन विधायक राज सिन्हा भी तीन दिन के लिए धनबाद से बाहर चले गए.

संपर्क से समर्थन कार्यक्रम में नहीं दिखे दिग्गज चेहरे

30 जून तक महाजनसंपर्क अभियान के बाद भाजपा ने 10 जुलाई तक संपर्क से समर्थन अभियान की शुरुआत की है. परंतु सांसद, विधायक, पूर्व मेयर सहित जिला भाजपा शीर्ष नेतृत्व के लोग धनबाद से बाहर हैं. विगत तीन दिन से अभियान में भाजपाई दिग्गजों का नहीं दिखना इस अनुशासन प्रिय पार्टी की अलग कहानी कह रहा है. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp