लगभग 20 साल लगे
Dhanbad: कलयुग में बेटे अपने पिता की बात को दरकिनार कर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन धनबाद के फागु महतो कुछ अलग हैं. उन्होंने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए एक तालाब ही खोद दिया. इसके लिए उन्होंने नौकरी तक छोड़ दी. लगभग 20 साल बाद उन्हें कामयाबी मिली. इसके बाद वे अपने गांव में चर्चा का विषय बन गये. ये धनबाद के बाघमारा के रेगुणी पंचायत के पातामाहुल गांव के निवासी हैं.
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बताया जाता है कि फागु माहतो के गोतिया में एक तालाब था. एक दिन उस तालाब की मछली का बंटवारा हुआ. बंटवारे के दौरान फागु के पिता को हिस्से में कम मछलियां मिलीं. इस पर फागु ने अपने गोतिया से और मछलियों की मांग की. जिस पर उन्होंने कहा कि यह तुम्हारे पिता का तालाब नहीं है. यह सुन कर वे काफी आहत हुए. घर आकर अपने पुत्र से कहा कि अब मछली तभी खाऊंगा जब खुद की तालाब होगी.
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पिता के सपने को पूरा किया
पिता की यह बात सुन कर फागु गैता और फावड़ा लेकर तालाब की खुदाई में लग गये. पुत्र के इस कार्य को देख उत्साहित होकर पिता भी तालाब की खुदाई में लग गए. कुछ साल बाद फागु के पिता का निधन हो गया. लेकिन पिता को दिया वादा फागु को याद रहा. वे अकेले ही तालाब की खुदाई करता रहे. इस कार्य में फागु को पत्नी का भी भरपूर सहयोग मिला. लगभग 20 साल की कड़ी मेहनत के बाद फागु ने तालाब तैयार कर अपने पिता के सपने को पूरा कर दिया. फागु का कहना है कि सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देते हुए अगर किसी प्रकार का सहयोग दे तो हम गरीबों को रोजगार मिल जाएगा. साथ ही इस तालाब की उपयोगिता भी बढ़ जायेगी.
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