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alt="" width="150" height="150" />स्कूल चुप है, पुलिस व्यस्त
अस्मित के अभागे पिता प्रफुल कुमार स्वेन ने लगातार से कहा: `स्कूल वाले कुछ नहीं बोलते. पुलिस कहती है कि वे जांच कर रहे हैं. बेटा तो चला गया, क्या न्याय भी नहीं मिलेगा? पर कुछ भी हो जाए. मैं लड़ूंगा. जिसने हत्या की है, उन्हें सजा दिलवाऊँगा. चाहे मेरी जान चली जाए.` स्वेन आरोप लगाते हैं कि स्कूल मिशनरी का है. इसलिए सब खामोश हैं. वे देर कर रहे. सबूत मिटाएंगे. पर कुछ भी कर लें, न्याय लेकर रहूँगा. कार्रवाई तो दूर, स्कूल प्रबंधन के पास सहानुभूति के दो शब्द तक नहीं हैं. हिम्मत- ताकत देने आगे आए हैं पड़ोसी. शहर के कुछ सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता. उसकी सांस नहीं चल रही थी
स्वेन को उस मनहूस दिन का एक-एक लम्हा याद है. धाराप्रवाह बोलते हैं- वह वापस नहीं आएगा. यह लड़ाई उन बच्चों के लिए है, जो शिक्षा ग्रहण करने शिक्षा मंदिर जा रहे हैं . उनकी आंखें डबडबा जाती हैं -23 मार्च की सुबह 10. 41 बजे क्लास टीचर अनूप पांडे का फोन आया कि अस्मित को चोट लगी है. मैं स्कूल के पास ही था. चार मिनट में स्कूल पहुँच गया. क्लास टीचर से पूछा कि अस्मित कहां है, तो उसने कहा कि `सिक रूम` में है. भागकर गया. उसकी सांस नहीं चल रही थी. नजदीकी दोस्तो को खबर दी. स्कूल टीचरों ने प्रबंधन की गाड़ी से उसे पास के क्लिनिक भेजा.तीन मिनट का सीसीटीवी फुटेज कहां है?
डॉक्टर ने एसएनएमएमसीएच रेफर कर दिया. वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. घटना की पूरी जानकारी सीसीटीवी फुटेज से मिली. अस्मित की क्लास रूम में कुछ छात्रों द्वारा पिटाई की जा रही है. यह देखने के बाद लिखित शिकायत सिंदरी थाना में की. लेकिन 15 दिन बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई न तो स्कूल प्रबंधन ने की और न पुलिस ने. उन्होंने कहा कि अस्मित की मौत का दोषी स्कूल प्रबंधन है. पुलिस- प्रशासन स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करे. वे पूछते हैं- उसे स्कूल के रेस्ट रूम में क्यों रखा ? तुरंत अस्पताल क्यों नहीं ले गए? तीन मिनट का सीसीटीवी फुटेज कहां है?
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alt="" width="150" height="150" />मां तो बस रोती है
अस्मित की मां तो बस रोती हैं. कहती हैं- इंसाफ दिला दो. बच्चे की अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षा के मंदिर भेजा था. उस मंदिर में ही उसकी हत्या कर दी गई. पड़ोसी सुमित्रा देवी ने कहा -बाबू बहुत ही शांत स्वभाव का हंसमुख लड़का था. उसे सभी प्यार करते थे. अरविंद खत्री बोले-यह स्कूल एक बड़ी संस्था का है. वह इतनी बड़ी घटना को दबाने का प्रयास कर रहा है. पुलिस सच सामने लाए. सवाल भी यही है-क्या अस्मित का सच सामने आएगा ???? यह भी पढ़ें: बाल">https://lagatar.in/dhanbad-lighter-khaini-chilam-and-sharp-weapons-found-in-childrens-correctional-home/">बालसुधार गृह में मिले लाइटर, खैनी, चिलम और धारदार हथियार [wpse_comments_template]

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