Maithon : ईसीएल मुगमा क्षेत्र की कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी के समीप 22 जनवरी की सुबह करीब 10 फिर भू-धंसान हुई. कोलियरी की पूरब दिशा में 100 मीटर लंबाई और 30 मीटर चौड़ाई में बीस फीट नीचे तक जमीन धंस गई. घटना के समय 10-12 लोग जमीन के नीचे अवैध कोयला खनन में लगे हुए थे. मलबे में 6 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हो पाई है. कोलियरी प्रबंधन व स्थानीय पुलिस ने अवैध खनन व मलबे में किसी के दबे होने से इनकार किया है.
सुबह 6 बजे अवैध खनन के लिए उतरे थे लोग
जानकारी के अनसार, सुबह करीब 6 बजे 10-12 लोग कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी में अवैध खनन करने के खदान में उतरे थे. तभी जमीन फटनी शुरू हो गई. नीचे मलबा गिरने की आवाज़ भी आ रही थी. गार्ड ने वहां से सभी को भगाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने. सुबह दस बजे के आसपास जोरदार आवाज के साथ बीस फीट जमीन धंस गई. करीब 100 मीटर की लंबाई और 30 मीटर चौड़ाई में दरार पड़ गई. ऊपर अवैध खनन का कोयला उठाव करने में 50 से अधिक लोग लगे हुए थे. उनमें अफरा-तफरी मच गई. मलबे में पांच- छह लोगों के दबे होने की चर्चा होने लगी. इससे पहले भी दो माह के भीतर तीन बार भू धंसान की घटना घट चुकी है. लोगों का कहना है कि अवैध खनन के दौरान छोड़े गए पिलर को भी काटा जा रहा है. जिससे खोखली जमीन का सपोर्ट खत्म हो गया है. इसलिये भू-धंसान की घटना लगातार घट रही है.
दो माह में भू-धंसान की चौथी घटना
कापासारा उक्त स्थल पर पिछले साल 18 नवंबर को तेज आवाज के साथ भू-धंसान हुई थी. अवैध खनन में लगे 25-30 लोगों के दबे होने की आशंका जतायी गयी थी. दूसरी बार 29 दिसंबर 2022 को 50 फीट के दायरे में जमीन फट गई. इस बार भी कोयला के अवैध खनन में जुटे लोग बाल-बाल बच गए थे. तीसरी घटना 8 जनवरी को अवैध मुहाने से थोड़ी दूरी पर घटी थी. 22 जनवरी को चौथी बार भू-धंसान की घटना में अवैध खनन में जुटे करीब आधा दर्जन लोगों के दबने आशंका जताई जा रही है.
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