ईडी की रेड में लाखों नकद मिले
Dhanbad : रियल इस्टेट के कारोबार में तेजी से नाम शुमार करने वाला अलौकिक ग्रुप साला-बहनोई की कंपनी है. ईडी की रेड के बाद इस पर से पर्दा हटा और उनलोगों के नाम भी उजागर हुए. आलौकिक ग्रुप के निदेशक रितेश शर्मा के धैया के कासा क्रिस्टा सोसायटी स्थित आवास पर ईडी की रेड के बाद बालू के धंधे से जुड़े सिंडिकेट का काफी पैसा रियल इस्टेट में लगने की चर्चा है. इसकी भी चर्चा जोरों पर है कि कई बड़े नेता व कारोबारियो का भी पैसा अलौकिक ग्रुप में लगा हुआ है. सूत्रों के हवाले से यह भी बात सामने आई है कि दो हजार की नोटबंदी की सूचना के बाद कई नेताओं और बड़े कारोबारियों ने अपना पैसा रियल इस्टेट कंपनी अलौकिक ग्रुप में लगाया है.
रितेश शर्मा ने राजस्थान से आकर झरिया में जमाया कारोबार
रितेश शर्मा मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं, इनके पिता नथमल शर्मा झरिया में कपड़े की एजेंसी चलाते थे. पिता के कारोबार में रितेश शर्मा भी हाथ बंटाते थे. दो भाइयों में रितेश शर्मा बड़े और हरिओम शर्मा छोटे हैं, एक बहन है, जिसकी शादी राजस्थान में हुई है. बहनोई का नाम अनुराग शर्मा है, जो राजस्थान में रियल इस्टेट का काम करते हैं. अलौकिक ग्रुप अनुराग शर्मा की ही कंपनी है, जिसे रितेश शर्मा धनबाद में संभाल रहे हैं. जानकार बताते हैं कि अनुराग शर्मा के रियल इस्टेट कारोबार की धनबाद में कमान संभालने के दौरान रितेश शर्मा के संपर्क बड़े नेताओं और कारोबारियो के साथ जुड़ते चले गए.
धनबाद में बड़ा नाम है अलौकिक ग्रुप का, कई प्रोजेक्ट चल रहे
रियल इस्टेट कंपनी अलौकिक ग्रुप का धनबाद में बड़ा नाम है. सरायढेला स्थित बंद पड़े पुराना सिनेमा हॉल के पास इंडिपेंडेंट हाउस व बरामुड़ी में असर्फी अस्पताल के पास प्रोजेक्ट की विवादित जमीन है, जिसपर 144 धारा लगी है. इसका केस अधिवक्ता सोमनाथ चौधरी लड़ रहे हैं. यह जमीन धैया निवासी किसी मंडल की है. इसके अलावा आमघाटा में इडेन गार्डन, मेमको मोड़ में कासा क्रिस्टल, द हवेली व अलौकिक एम्पोरियो बड़ी इमारते हैं, जिसे अलौकिक ने बनाया है. इसके साथ ही कई नए प्रोजेक्ट अलौकिक ग्रुप के नाम से चल रहे हैं.
कई प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां भी
रितेश कुमार शर्मा की ओर से आलौकिक इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, आलौकिक हाइट्स एलएलपी, आलौकिक राइस एलएलपी, आलौकिक होम्स एलएलपी, आलौकिक इंफ्रा बिल्डर एलएलपी और आलौकिक इंफ्रा नवनिर्मण प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों का संचालन किया जाता है. अलौकिक ग्रुप में धनबाद सहित कोलकाता और बिहार के कई कोयला व बालू कारोबारियों का पैसा लगा हुआ है. ईडी को पता चला है कि आलौकिक कंपनी में कारोबारियों के अलावा कई नेता और ब्यूरोक्रेट्स के अवैध पैसे भी लगे हैं. छापेमारी में ईडी इन सभी बिंदुओं पर दस्तावेज खंगाल रही है.
ईडी ने डायरेक्टर रितेश शर्मा के आवास की भी तलाशी ली
बालू कारोबारियों से कनेक्शन के संदेह में ईडी ने मेमको मोड़ के पास स्थित रेसिडेंशियल सोसायटी अलौकिक कासा क्रिस्टा में रहने वाले अलौकिक ग्रुप के डायरेक्टर रितेश शर्मा के आवास की भी तलाशी ली है. उनके आवास से 30 लाख की अघोषित नकदी की जब्ती की सूचना है. कासा क्रिस्टा में ईडी की कार्रवाई की जद में आए बालू कारोबारी पुंज सिंह व मिथिलेश सिंह का भी आवास है. छापामारी में ईडी की टीम अलौकिक ग्रुप के ऑफिस का सीसीटीवी डीवीआर साथ ले गई. कारोबारियों ने अवैध बालू की कमाई का एक हिस्सा रियल इस्टेट कारोबार में भी निवेश किया है. इस एंगल पर भी ईडी जांच कर रही है. एक ट्रांजेक्शन के आधार पर अलौकिक ग्रुप के डायरेक्टर रितेश शर्मा के घर पर छापेमारी के दौरान उनसे पूछताछ भी की है. रितेश शर्मा ने कहा कि वे सरायढेला में मार्केट कंपलेक्स का निर्माण करा रहे हैं उसमें मिथिलेश सिंह के बेटे ने शोरूम बुक कराया, जिसमे 55 लाख का सिंगल ट्रांजेक्शन किया. उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा जब्त 30 लाख की रकम पूरी तरह वैध है.
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