Dhanbad : अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर 21 फरवरी सोमवार को झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर भाषा शहीदों को स्मरण किया गया. इस अवसर पर समिति के संस्थापक बेंगू ठाकुर ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में यूनेस्को में जब पूरे विश्व का भाषा सम्मेलन हुआ तो बांग्ला को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा का दर्जा दिया गया. पूरे विश्व में बांग्ला ही ऐसी भाषा है, जिसके अधिकार के लिए 1948 में ढाका में 5 स्कूली छात्रों और असम में कमला भट्टाचार्य के नेतृत्व में 21 छात्रों ने अपना बलिदान दिया. अब लगता है झारखंड में भी 21 फरवरी की तरह बलिदान देना पड़ेगा. क्योंकि वर्तमान सरकार ने सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा की पढाई पर रोक लगा दी है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि झारखंड के 45 हजार बांग्ला भाषी लोगों के अधिकार को ध्यान में रखते हुए बांग्ला की पढाई प्रारंभ कराई जाए, अन्यथा उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-mother-language-day-celebration-at-indian-institute-of-technology/">धनबाद
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धनबाद : सरकारी स्कूलों में बांग्ला पढ़ाओ, वरना होगा आंदोलन : बेंगू ठाकुर

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