अंचलाधिकारियो को ईमानदारी से काम करने का दिया निर्देश
Dhanbad: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने समाहरणालय में बुधवार 23 अगस्त को राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में सभी अंचलाधिकारियों को फटकार लगाई. पूछा जमीन के दाखिल खारिज के मामले इतने ज्यादा पेंडिंग क्यों हैं. अंचल अधिकारियों ने बताया कि सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी अड़चन के कारण म्यूटेशन के अधिक मामले रिजेक्ट हो रहे हैं. उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को ईमानदारी के साथ काम करने तथा सरकार के आदेश का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया. कहा कि वैसी भूमि, जो सीएस सर्वे में सरकारी थी और आरएस सर्वे में रैयती हो गई, उसकी जांच कर कोर्ट में केस दायर करने का आदेश दिया. आयुक्त ने सोफ्टवेयर की त्रुटि दूर करने के लिए विभाग से संपर्क करने का भी निर्देश दिया. बैठक में आयुक्त के सचिव रवि राज शर्मा, उपायुक्त वरुण रंजन, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, डीसीएलआर सतीश चंद्रा, अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी आदि मौजूद थे. अंचल के कर्मचारी व चौकीदार की तय करें जिम्मेदारी
अवैध जमाबंदी के मामले में आयुक्त ने कहा कि सभी अंचल अधिकारी सरकारी भूमि के कस्टोडियन है. सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को रोकना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने सरकारी भूमि का अतिक्रमण रोकने के लिए अंचल के कर्मचारी और चौकीदार की संयुक्त रूप से जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया. नीलाम पत्र वाद के मामले में कहा कि जहां अधिक राशि है, वैसे मामलों को प्राथमिकता देकर निष्पादित करें. ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर प्रति सप्ताह सुनवाई करें. सुनवाई से भागने वालों के विरुद्ध सर्टिफिकेट एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए बॉडी वारंट निर्गत कराए. सरकारी जमीन से हटेगा अतिक्रमण
उपायुक्त ने कहा कि सभी सरकारी भूमि का गूगल सैटेलाइट इमेज निकाला जाएगा. इससे पता चलेगा कि किस समय सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हुआ था. इसकी विस्तृत रिपोर्ट मिल जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी. अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध एंक्रोचमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करने एवं अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का निर्णय लिया गया. इन मामलों की हुई समीक्षा
राजस्व न्यायालय में लंबित वादों, विभिन्न परियोजना के अंतर्गत भू अर्जन एवं मुआवजा भुगतान, अंचलवार सीमांकन वादों, अंचलवार नामांतरण वादों, विभिन्न विभागों द्वारा सरकारी भूमि हस्तांतरण की मांग का निष्पादन, अंचल कार्यालय, भूमि सुधार उपसमाहर्ता व अपर समाहर्ता के न्यायालय में लंबित अतिक्रमण के मामले, वन अधिकार पट्टों के निष्पादन, रेलवे के विभिन्न परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि आदि की समीक्षा की गई. [wpse_comments_template]
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