गिनती से आधे विक्रेताओं को ही आवंटित हुई थी गुमटी
मछली विक्रेता अर्जुन कुमार ने बताया कि पुलिस लाइन में लगभग 19 दुकानदार ऐसे हैं, जो फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे मछली बेचते हैं, इनमें मात्र 10 दुकानदारों को गुमटी का आवंटन मिला था. शेष विक्रेताओं को दूसरे चरण में गुमटी आवंटित होने वाली थी. जो अब तक नहीं हुई है.गुमटी की बनावट सही नहीं होने से दुकानदारों ने नकारा
मछली विक्रेताओं को आवंटित गुमटी की बनावट सही नहीं है. इसी वजह से मछली विक्रेताओं ने तमाम गुमटियों को नकार दिया. अब तमाम गुमटियां धूल फांक रही हैं. मछली विक्रेता सपन दस ने बताया कि आवंटित गुमटी उनकी सहूलियत के हिसाब से डिजाइन नहीं की गई है, जिस कारण उसके भीतर मछली काट कर बेचना असुविधाजनक है. मछली काट कर बेचने में काफी परेशानी होती है, जिस कारण गुमटी छोड़ खुले में ही मछली बेचना मुनासिब समझा.मछली विक्रेताओं के डूबे लाखों रुपये
मछली विक्रेता बताते हैं कि गुमटी आवंटित करते समय विभाग ने दुकानदार से प्रति गुमटी ₹10,000 वसूले थे. उन्हें गुमटी मुहैया कराई गई थी. परंतु वह ₹10000 के लायक नहीं निकली. हैवी चदरे की जगह गुमटी में टीन का प्रयोग किया गया था, जो अब कुछ ही सालों में बुरी तरह से सड़ चुकी है.अधिकारी मीडिया से करते हैं परहेज
गुमटी आवंटन मामले के बारे में जानने के लिए जब लगातार मीडिया की टीम ने जिला मत्स्य पदाधिकारी मोहम्मद मुजाहिद्दीन अंसारी से बात करने की कोशिश की तो वह कार्यालय में नही मिले. दूरभाष पर सम्पर्क साधने की कोशिश भी की गई, पर वह फोन उठाने से लगातार बचते रहे. यह भी पढ़ें : सिंदरी">https://lagatar.in/sindri-illegal-encroachment-on-fci-land/">सिंदरी: एफसीआई की भूमि पर किया जा रहा है अवैध कब्जा [wpse_comments_template]

Leave a Comment