122 प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है धनबाद
देश के 122 प्रदूषित शहरों की सूची में धनबाद भी शामिल है. इसे रोकने के लिए केंद्र से पैसे भी आ रहे हैं. निगम भारी भरकम मशीने भी खरीद रहा है. शहर के चारों ओरर रंगीन ईंट भी बिछा रहा है. लेकिन प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नजर नहीं आ रही. वृक्षारोपण का काम भी धीमा है. जहां पौधे लगाए गए हैं, वे भी देख रेख के अभाव में सूखने लगने लगे हैं. सड़क किनारे खाली पड़ी जगहों को कंक्रीट से भरा जा रहा है. शहर के पांच स्थानों पर प्रदूषण मापक यंत्र लगाने का काम भी पूरा नहीं हुआ है.पेबर ब्लॉक बिछते ही फुटपाथ पर कब्जा शुरू
शहर का ऐसा कोई भी छोर नहीं, जहां फुटपाथ का अतिक्रमण ना हो. रेलवे स्टेशन रोड, राजेंद्र सरोवर पार्क, लुबी सर्कुलर रोड, बरमसिया-पुराना बाजार रोड, बैंक मोड़, जोड़ा फाटक रोड में अतिक्रमण की वजह से हर रोज सड़क जाम होती है. पेबर ब्लाक बिछाने के बाद भी यह सिलसिला रुक नहीं रहा है. निगम के अधिकारी साल में एक या दो बार सड़कों से अतिक्रमण हटाने का काम करते हैं. उसके बाद शांत बैठ जाते हैं. अतिक्रमण हटाने के चंद दिनों बाद दुबारा उसी स्थान पर दुकानें सज जाती हैं. पुलिस लाइन में भी यही हो रहा है, एक ओर पेबर ब्लॉक बिछाया जा रहा है, दूसरी ओर कब्जाधारी दुकान लगा रहे हैं. यह सब देखने के बाद भी निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार से इस संबंध में जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा. यह भी पढ़ें : सिंदरी">https://lagatar.in/sindri-ground-is-not-for-practice-how-will-the-spirits-get-flight/">सिंदरी: अभ्यास के लिए नहीं मैदान, हौसलों को कैसे मिलेगी उड़ान [wpse_comments_template]

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