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धनबाद : सावन के रंग में रंगा बाजार, गूंज रहा बोल बम का नारा

दिख रहा फैशन का असर, युवतियों के लिए भी एक से एक डिजाइनर कपड़े

Dhanbad : धनबाद  से सोमवार 3 जुलाई को कांवरियों का जत्था सुलतानगंज के लिए रवाना हो गया. इस बीच बाजार भी पूरी तरह से सावन के रंग में रंग गया है. हीरापुर, सरायढेला, पुराना बाजार, पुलिस लाइन, बरटांड़ समेत अन्य सभी बाजारों में सामान की बिक्री शुरू हो चुकी है. व्यवसायियों ने कपड़ा, चूड़ी, नारियल, अगरबत्ती का स्टॉक कर लिया है. केसरिया, उजला के साथ हरे कपड़े व श्रृंगार के सामान भी सज गए हैं. कांवरियों के लिए इस बार महाकाल की डिजाइन के कपड़े की डिमांड ज्यादा है. बाजार पर फैशन का असर भी दिख रहा है. कांवरियों के लिए संडो गंजी, टीशर्ट, हाफ शर्ट कुर्ती, बैलून पैंट, बरमूड़ा, स्लिम टी-शर्ट बिक रहे हैं. युवतियों के लिए भी एक से एक डिजाइनर कपड़े उतारे गए हैं.

सावन में हरी साड़ियों की बढ़ जाती है बिक्री

[caption id="attachment_687173" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/pavan-agrawal-1-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> दुकानदार पवन अग्रवाल[/caption] दुकानदार पवन अग्रवाल ने बताया कि कांवरिया प्राय: अपने कपड़े में हाफ पैंट, गंजी, टी-शर्ट, गमछी, साड़ी व सलवार सूट की खरीदारी करते हैं. सुहागिन महिलाओं में हरी साड़ियां पहनने का रिवाज है. साड़ी और सलवार सूट की भी मांग रहती है. इसके अलावा केसरिया रंग में कुर्ती, लेगीज व दुपट्टा की भी बिक्री हो रही है. कपड़ा व्यवसायी निरंजन अग्रवाल ने बताया कि सावन में हरी साड़ियों की बिक्री बढ़ जाती है. सूती साड़ी 500-700 रुपये तक, सिंथेटिक साड़ियां 800-1000, जरी वर्क व सिल्क साड़ियां 1200 से 2000 रुपये तक की खरीदी जा रही हैं.

                कांवर यात्रा पर महंगाई की मार

[caption id="attachment_687178" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/niranjan-agrawal-1-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> दुकानदार निरंजन अग्रवाल[/caption] पुराना बाजार के कपड़ा व्यवसायी निरंजन अग्रवाल ने कहा कि महंगाई की मार कांवर यात्रा पर भी पड़ी है. सारी चीजें 8 से 10 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैं. बाजार में केसरिया रंग की साड़ी 250 रुपये, पेटीकोट 100 रुपए, टी शर्ट 250 रुपये, पैंट 100 रुपये से, संडो गंजी 60 रुपय,व झोला 80 रुपए में मिल रहे हैं.

  सेंटेड अगरबत्तियों से सजीं दुकानें

अगरबत्ती के थोक व्यवसायी अरुण कुमार ने बताया कि सावन भर सुगंधित अगरबत्तियों की बिक्री होगी. रंग-बिरंगी चूड़ियां हरी चूड़ी-लहठी की दुकानें सज गईं हैं. महिलाओं को हरे रंग में चेन डिजाइन, थ्री पीस डिजाइन अधिक भा रहा है. अधिकतर महिलाएं 350-400 रुपये का चूड़ा सेट खरीद रही हैं. इसमें स्टोन वर्क होता है, जो हरे रंग के साथ सुनहरा रंग भी मिक्स होता है. प्लेन चूड़ी प्रति डब्बा 30 रुपये में मिलती है. फैंसी चूड़ी 20 से 60 रुपये प्रति डब्बा तक आते हैं.

         भक्तों को लुभा रही कांवर की विशेष सज्जा

[caption id="attachment_687181" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/keshria-1-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> दुकानों में सजे केशरिया रंग के कपड़े[/caption] कांवर में गंगा जल लेकर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करने की परंपरा काफी पुरानी है. हालांकि कारोबारी राजेश कुमार कहते हैं कि इस बार कांवर की डिमांड पिछले साल से कम है. हर साल बाबा को जल चढ़ाने वाले कुछ लोग ही अभी तक कांवर लेने के लिए पहुंचे हैं. इस बार कांवर की दर 200 से शुरू हो रही है. अलग-अलग तरह के कांवर सजाने की कीमत भी उसी तरह है.

 बस संचालकों में भी उत्साह

सावन में कांवरियों के साथ बस संचालकों में भी उत्साह है. कांवरिया सुल्तानगंज से जल उठाते हैं. धनबाद से सुल्तानगंज के लिए चलने वाली बसों की डिमांड व संख्या बढ़ जाती है. इस मांग को ध्यान में रखते हुए बस संचालक तैयारी में जुट गए हैं. इस बार धनबाद से सुल्तानगंज के लिए भाड़ा में वृद्धि नहीं की गई है. प्रतिदिन धनबाद शहर से 3-4 बसें कांवरियों के लिए चलेंगी. गुरुवार को 10 से 12 बसें और रविवार को 12 से 16 बसें चलाई जा सकती हैं.

 कहां-कहां से खुलेंगी बसें

बसें धनबाद बस स्टैंड, श्रमिक चौक, झरिया बाटा मोड़, करकेंद-केंदुआ, कतरास, डिगवाडीह, चिरकुंडा से रवाना होंगी. धनबाद बस एसोसिएशन के संयुक्त महामंत्री सुनील सिंह ने बताया कि धनबाद से सुल्तानगंज के लिए पर्याप्त बसें रहेंगी. कोई कांवरिया नहीं लौटेगा. आवश्यकता पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी. बसें चलाने व भाड़ा तय करने के लिए रायशुमारी हो रही है. [wpse_comments_template]

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