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धनबाद : भू-तकनीकी आधारभूत संरचना में स्थिरता की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रो बसु

आईआईटी-आईएसएम में इंजीनयरिंग विभाग ने किया व्याख्यान का आयोजन 

Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम के सिविल इंजीनयरिंग विभाग के कांफ्रेस रुम में 28 जुलाई शुक्रवार को इंडियन जियोटेक्निकल सोसायटी (आईजीएस) धनबाद चैप्टर के तत्वावधान में सस्टेनेबिलिटी एंड इट्स एसेसेमेंट इन जियोटेक्निकल इंजीनयरिंग विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान में वाटरलू विश्वविद्यालय कनाडा के सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर दीपांजन बसु ने छात्र-छात्राओं के बीच विचार व्यक्त करते हुए भू-तकनीकी आधारभूत संरचना के विकास में स्थिरता की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने भू-तकनीकी इंजीनियरिंग परियोजनाओं के संबंध में स्थिरता के चार पहलुओं इंजीनियरिंग, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और इक्विटी पर सविस्तार जानकारी दी. व्याख्यान के दौरान आईआईटी-आईएसएम के छात्रों ने प्रो. बसु से सवाल भी पूछे. सत्र के बारे में इंडियन जियोटेक्निकल सोसायटी (आईजीएस) धनबाद चैप्टर के एक पदाधिकारी ने कहा कि व्याख्यान का छात्र-छात्राओं पर लंबे समय तक प्रभाव रहेगा. इस व्याख्यान ने उन्हें करियर बनाते समय स्थिरता को पहले स्थान पर रखने के लिए प्रेरित किया है. प्रोफेसर बसु ने पर्ड्यू विश्वविद्यालय और आईआईटी कानपुर से पढाई की है. वह कनाडा के ओंटारियो प्रांत में इंजीनियर हैं. वह यूएसए और कनाडा में कई विद्वत परिषद् के भी सदस्य हैं. उन्हे व्यापक अनुसंधान और शैक्षणिक अनुभव है. अनुभव में नीव व मिट्टी की संरचना, इंटरेक्शन, ऊर्जा भू-तकनीकी, स्थिरता व लचीलापन का ठहराव, भू-संरचनाओं का विस्फोट, मिट्टी की गतिशीलता समेत अन्य शामिल हैं. [wpse_comments_template]

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